नई दिल्ली, 17 अप्रैल . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली में दाऊदी बोहरा समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और हाल ही में पारित वक्फ कानून के लिए उनके समर्थन और योगदान की सराहना की.
इस मुलाकात का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और दाऊदी बोहरा समुदाय के सदस्यों के बीच गर्मजोशी भरी बातचीत देखी जा सकती है.
इस मुलाकात के दौरान, समुदाय के सदस्यों ने प्रधानमंत्री मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” के दृष्टिकोण में अपना पूर्ण विश्वास व्यक्त किया और वक्फ कानून को लेकर उनकी लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा करने के लिए उनका आभार जताया. इस दौरान केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू भी उपस्थित थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर दाऊदी बोहरा समुदाय के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को याद किया और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में समुदाय की उल्लेखनीय परंपराओं की प्रशंसा की. उन्होंने विशेष रूप से वक्फ संशोधन अधिनियम को लाने में समुदाय के योगदान को रेखांकित किया.
पीएम मोदी ने बताया कि जब इस अधिनियम पर काम शुरू हुआ, तो उन्होंने सबसे पहले दाऊदी बोहरा समुदाय के आध्यात्मिक नेता सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन से सलाह ली थी. सैयदना ने इस दौरान कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए थे.
उन्होंने कहा, “जब वक्फ पर काम करने का विचार मेरे दिमाग में आया, तो मैंने सबसे पहले सैयदना साहब से बात की थी. उनकी सलाह और समुदाय का सहयोग इस अधिनियम को लाने में महत्वपूर्ण रहा.”
पीएम मोदी ने यह भी जोड़ा कि यह अधिनियम न केवल अल्पसंख्यकों के लिए, बल्कि समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय और समानता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
प्रतिनिधिमंडल में शामिल दाऊदी बोहरा समुदाय के सदस्यों ने वक्फ संशोधन अधिनियम को अल्पसंख्यकों के भीतर अल्पसंख्यकों के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया.
एक सदस्य ने कहा, “हम अल्पसंख्यकों के भीतर अल्पसंख्यक होने के नाते इस अधिनियम में शामिल किए जाने और इसे मान्यता मिलने से बेहद आभारी हैं. आपका सबको साथ लेकर चलने का दृष्टिकोण और एकता के प्रति प्रतिबद्धता भारत और इसके सभी लोगों के लिए लाभकारी होगी.”
एक अन्य सदस्य ने कहा कि उनके समुदाय ने 2015 में मुंबई के भिंडी बाजार में एक परियोजना के लिए एक महंगी संपत्ति खरीदी थी और फिर नासिक के किसी व्यक्ति ने 2019 में इस पर वक्फ संपत्ति के रूप में दावा किया. इस तरह के दावों ने समुदाय को लंबे समय तक परेशान किया था. वक्फ कानून से इस तरह की समस्याओं का समाधान होगा और हमें न्याय मिलेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि वक्फ अधिनियम को लाने के पीछे वर्षों की मेहनत और गहन अध्ययन शामिल है. उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्फ व्यवस्था के कारण सबसे अधिक प्रभावित होने वालों में गरीब मुसलमान रहे हैं. इस अधिनियम का उद्देश्य ऐसी विसंगतियों को दूर करना और समाज के सभी वर्गों को न्याय सुनिश्चित करना है.
प्रतिनिधिमंडल में व्यापारी नेता, पेशेवर, डॉक्टर, शिक्षक और समुदाय के अन्य प्रमुख प्रतिनिधि शामिल थे. उन्होंने अपने समुदाय की चुनौतियों और वक्फ द्वारा उनकी संपत्तियों पर गलत दावों के अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा उनकी पहचान को पनपने का अवसर दिया है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वे समावेशिता और एकता की भावना को और मजबूत महसूस करते हैं.
प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री के 2047 तक विकसित भारत के विजन का समर्थन करते हुए इस दिशा में हर संभव सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई. उन्होंने कहा कि सच्चा विकास लोगों पर केंद्रित होना चाहिए और प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व इस दृष्टिकोण को साकार कर रहा है. समुदाय के सदस्यों ने आत्मनिर्भर भारत, एमएसएमई के लिए समर्थन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, और नारी शक्ति को सशक्त बनाने जैसी पहलों की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि ये योजनाएं विशेष रूप से छोटे व्यवसायों और महिलाओं के लिए लाभकारी साबित हुई हैं.
प्रधानमंत्री ने दाऊदी बोहरा समुदाय की सामाजिक कल्याण की परंपराओं की प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने वर्षों से समुदाय के इस योगदान को निकट से देखा है. उन्होंने समुदाय के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों को भी याद किया और कहा कि उनकी सलाह और सहयोग ने वक्फ कानून को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
दाऊदी बोहरा समुदाय ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की प्रगति और समावेशी विकास की दिशा में हो रहे कार्यों की सराहना की. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की नीतियां और योजनाएं छोटे व्यवसायों, महिलाओं, और युवाओं के लिए नए अवसर पैदा कर रही हैं. समुदाय ने विशेष रूप से एमएसएमई क्षेत्र का जिक्र किया.
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एकेएस/
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