यरूशलम, 4 मई . इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अजरबैजान की अपनी प्रस्तावित यात्रा स्थगित कर दी है. उनके कार्यालय की ओर से यह जानकारी साझा की गई.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, नेतन्याहू की यात्रा बुधवार से शुरू होकर पांच दिनों तक चलने वाली थी.
शनिवार को जारी बयान एक में कहा गया कि गाजा पट्टी और सीरिया में हालिया घटनाक्रम के साथ-साथ व्यस्त राजनीतिक और सुरक्षा कार्यक्रम के कारण प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अजरबैजान की अपनी यात्रा को स्थगित कर बाद की तारीख के लिए टाल दिया है. प्रधानमंत्री ने अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव को उनके निमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया तथा दोनों देशों के बीच मधुर संबंधों की सराहना की.
हालांकि, इजरायली समाचार वेबसाइट वाल्ला और अन्य इजरायली मीडिया ने बताया कि दौरे को रद्द करने का कारण तुर्की द्वारा नेतन्याहू के विमान को अजरबैजान की राजधानी बाकू जाते समय अपने क्षेत्र से उड़ान भरने की अनुमति देने से इनकार करना था.
नेतन्याहू के करीबी सूत्रों का हवाला देते हुए वेबसाइट ने कहा कि उनके कार्यालय ने वैकल्पिक मार्गों के जरिए उड़ान भरने की संभावना पर विचार किया था. हालांकि, इससे उड़ान की अवधि लगभग दोगुनी हो जाती, इसलिए फिलहाल जाना स्थगित कर दिया.
रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय ने ग्रीस और बुल्गारिया के रास्ते वैकल्पिक उड़ान मार्ग से बाकू तक यात्रा करने की संभावना पर विचार किया, लेकिन ऐसा न करने का निर्णय लिया, क्योंकि उड़ान का समय लगभग दोगुना हो जाएगा.
यह पहली बार नहीं है कि इजरायल के साथ तुर्की के बढ़ते खराब संबंधों के कारण वरिष्ठ अधिकारियों की यात्रा योजना में बाधा उत्पन्न हुई है.
इससे पहले, नवंबर 2024 में राष्ट्रपति आइजैक हर्जोग ने ‘सुरक्षा कारणों’ का हवाला देते हुए, आखिरी समय में अजरबैजान में संयुक्त राष्ट्र कॉप29 जलवायु सम्मेलन में अपनी यात्रा रद्द कर दी थी.
हालांकि, उस समय की रिपोर्टों से पता चला कि उड़ान रद्द करने का असली कारण यह था कि तुर्की ने इजरायल के राष्ट्रपति को अपने हवाई क्षेत्र से उड़ान भरने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
इजरायल से अजरबैजान के लिए सीधी उड़ान मार्ग सीमित हैं, क्योंकि अधिकांश के लिए तुर्की, या वैकल्पिक रूप से सीरिया, इराक और ईरान से होकर उड़ान भरनी पड़ती है.
इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से इजरायल और तुर्की के बीच संबंध खराब हो गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप राजदूतों को वापस बुला लिया गया है और व्यापार संबंधों को तोड़ दिया गया है.
नेतन्याहू को 7 मई को अजरबैजान के लिए रवाना होना था और 11 मई को वापस लौटना था. सीरिया पर तुर्की और इजरायल के बीच वार्ता पर चर्चा करने के लिए वह अलीयेव से मिलने वाले थे, जिसकी मध्यस्थता अजरबैजान ने की है.
वह अजरबैजान को अब्राहम समझौते की रूपरेखा और विभिन्न पहलों के साथ औपचारिक रूप से जोड़ने की योजनाओं पर चर्चा करने तथा अमेरिका के साथ द्विपक्षीय और त्रिपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए भी चर्चा करने वाले थे.
अजरबैजान इजरायल के कट्टर दुश्मन ईरान की सीमा पर स्थित है और सीमा तक पहुंच को व्यापक रूप से ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम के खिलाफ इजरायल के अभियान का एक प्रमुख प्रवर्तक माना जाता है. तेहरान ने बार-बार चिंता व्यक्त की है कि अजरबैजान की भूमि का उपयोग इजरायल द्वारा ईरान पर संभावित हमले के लिए किया जा सकता है, जो बाकू का एक प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता है.
हालांकि, ईरान के राष्ट्रपति ने इस सप्ताह के शुरुआत में अजरबैजान का दौरा किया, जो पड़ोसी देशों के बीच मधुर होते संबंधों का नवीनतम संकेत है.
दोनों देशों के बीच संबंध वर्षों से तनावपूर्ण रहे हैं, जिसका मुख्य कारण बाकू का इजरायल के साथ घनिष्ठ संबंध और जनवरी 2023 में तेहरान में अजरबैजान के दूतावास पर हमला है.
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पीएसके/केआर
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