Mumbai , 31 अक्टूबर . फिल्म इंडस्ट्री हमेशा बदलती रहती है. पहले कलाकारों के लिए बड़ी फिल्म से शुरुआत करना और भव्य लॉन्चिंग जरूरी माना जाता था, लेकिन अब समय बदल गया है. Actress श्रद्धा दास का मानना है कि आज के दौर में कलाकारों को अपने टैलेंट, लगातार मेहनत और खुद से बनाए गए अवसरों पर ध्यान देना चाहिए. यही रास्ता है जो किसी भी कलाकार को इंडस्ट्री में टिकने और नाम कमाने में मदद करता है.
के साथ एक खास इंटरव्यू में श्रद्धा ने कहा कि सफलता पाने का कोई छोटा रास्ता नहीं होता. उन्होंने कहा, ”मैंने खुद बड़े और छोटे रोल, गाने, दूसरे प्रमुख रोल, सब कुछ करके इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई है. किसी बड़ी फिल्म के भव्य लॉन्च का इंतजार करना अब पुराने जमाने की सोच है. अगर कोई बाहर से आया है तो उसे लगातार काम करते रहना चाहिए, अच्छे प्रोजेक्ट्स को स्वीकार करना चाहिए, लोगों की नजर में बने रहना चाहिए और अपने काम में सुधार करते रहना चाहिए. यही तरीका है जिससे हर कलाकार अपनी मंजिल तक पहुंच सकता है.”
अपने प्रोजेक्ट्स चुनते समय वह किन चीजों को ध्यान में रखती है, इस सवाल का जवाब देते हुए श्रद्धा ने कहा, ”मेरे लिए सबसे पहले डायरेक्टर का अनुभव और क्षमता मायने रखती है. इसके बाद मैं प्रोडक्शन हाउस, साथ काम करने वाले Actor और स्क्रिप्ट पर भी ध्यान देती हूं. इसके अलावा मैं खुद से सवाल करती हूं कि स्क्रिप्ट में मेरी भूमिका कितनी मजबूत है और कहानी में कितना योगदान है. यह हमेशा से मेरी प्राथमिकता रही है कि मेरा किरदार कहानी में एक फर्क लाए और मैं यह भी देखती हूं कि प्रोजेक्ट की विजुअल प्रस्तुति कैसी है.”
श्रद्धा दास की हाल ही में रिलीज हुई वेब सीरीज ‘सर्च: द नैना मर्डर केस’ को लोगों ने काफी पसंद किया. इसके चलते आईएमडीबी ने उन्हें लोकप्रिय भारतीय सेलिब्रिटी लिस्ट में पहला स्थान दिया.
उन्होंने बताया कि शुरुआत में उनका रैंक लगभग 1400 था. फिर फिल्म ‘खाकी’ के बाद यह बढ़कर 82 हुआ. ‘नैना मर्डर केस’ के रिलीज के बाद रैंकिंग तेजी से बढ़ी. पहले सप्ताह वह 15वें स्थान पर थीं, दूसरे सप्ताह चौथे स्थान पर और आखिर में वह नंबर 1 पर पहुंच गईं.
श्रद्धा ने कहा, ”मेरे पास कोई पीआर टीम या आईएमबीडी से कोई व्यक्तिगत संपर्क नहीं है. इसलिए यह उपलब्धि मेरे लिए बहुत ही आश्चर्यजनक और उत्साहजनक रही है. लोगों ने मेरे किरदार को वास्तव में पसंद किया और इसके लिए मैं बहुत आभारी हूं. इस अनुभव ने मुझे यह समझने में मदद की कि सच्ची मेहनत और लगन हमेशा सराहना पाती है.”
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पीके/वीसी
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