मुंबई, 19 अप्रैल . उद्धव ठाकरे के राज ठाकरे के साथ हाथ मिलाने वाले बयान पर शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने शनिवार को अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे को शिवसेना से निकालने के लिए मजबूर किया. यह सभी को पता है.
शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने कहा, “एक तरफ साथ में आने की बातें करना और दूसरी तरफ राज साहब पर शर्तें थोपना., महाराष्ट्र की राजनीति सबको पता है. राज ठाकरे जैसे जमीनी नेता संजय राउत और उद्धव ठाकरे की शर्तें मानेंगे, ये बहुत बड़ा सवाल है.”
उन्होंने कहा, “जिस राज ठाकरे को कभी उद्धव ने शिवसेना से बाहर निकलवाने की मजबूरी खड़ी की, महाराष्ट्र की जनता सब जानती है. शिवसेना जानती है. जब बाला साहेब ठाकरे थे, उस समय कहा गया था कि जहां शिवसेना मजबूत है, वहां उद्धव ठाकरे संभालें, और जहां कमजोर है, वहां की जिम्मेदारी राज ठाकरे को दें. यह जिम्मेदारी खुद बाला साहेब ठाकरे दे रहे थे. लेकिन तब उद्धव ठाकरे ने घर में विवाद खड़ा किया था कि अगर राज ठाकरे को जिम्मेदारी दी गई तो मैं घर छोड़ दूंगा. ऐसी धमकी बाला साहेब को दी गई थी.”
म्हस्के ने कहा, “अब वही राज साहब को करीब लाने की बात हो रही है? राज ठाकरे ने मेहनत से शिवसेना को खड़ा किया था, लेकिन उन्हें एक तरफ कर दिया गया और शिवसेना की कमान पूरी तरह उद्धव ने संभाली. यहां तक कि राज ठाकरे को बाला साहेब की फोटो लगाने से भी मना किया गया. उन्होंने फिर खुद की पार्टी, महाराष्ट्र नव निर्माण सेना बनाई और अपने दम पर आगे बढ़े.”
उन्होंने आगे कहा, “यही उद्धव ठाकरे जी का स्वभाव है. लोकसभा, विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस की जरूरत थी, तो उन्हें साथ ले लिया. अब जब मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के चुनाव सामने हैं. जो सत्ता का केंद्र है, तो अब उन्हें फिर से साथ चाहिए. चाहे राज ठाकरे हों या कोई और. जब तक जरूरत होती है, इस्तेमाल करते हैं, और काम खत्म होने पर छोड़ देते हैं.”
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे एवं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे की मीटिंग को नरेश म्हस्के ने सामान्य मुलाकात बताया. उन्होंने कहा, “एकनाथ शिंदे और राज ठाकरे के बीच जो मीटिंग हुई, वो एक सामान्य मुलाकात थी, जैसे पुराने दोस्त आपस में मिलते हैं. इसमें कोई विशेष मुद्दा नहीं था, न ही कोई खास एजेंडा. शिंदे साहब ने भी बाद में मीडिया से कहा कि ये सिर्फ एक सामान्य मुलाकात थी. हमने साथ काम किया है, पुराने संबंध हैं और खाने पर मिले थे. इसमें हिंदी भाषा या किसी और विषय की कोई बात नहीं थी.”
–
एससीएच/
The post first appeared on .
You may also like
हमास के हत्यारों के आगे सरेंडर नहीं करेंगे... नेतन्याहू ने गाजा में जंग जारी रखने की खाई कसम, ईरान के परमाणु बम पर कही ये बात
Kesari Chapter 2 Box Office: दूसरे दिन अक्षय और माधवन की फिल्म ने लगाई छलांग', कमा डाले इतने करोड़ रुपये
मनोविकार ग्रस्त नेता का सत्ता में आना खतरनाक!
Fourth House of Horoscope : आपके भाग्य में भूमि, भवन, वाहन का सुख है या नहीं, जानें जन्मकुण्डली के इस भाव से
Success Story: 78 साल की दादी बनाती हैं बच्चों के लिए लंगोट और मोजे, आज विदेशों में फैला कारोबार