चंडीगढ़, 16 अक्टूबर . केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने बुधवार को 2025-26 के लिए सभी जरूरी रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने का निर्णय लिया है. केंद्र के इस फैसले पर हरियाणा के किसानों ने खुशी जाहिर की है.
हरियाणा के रोहतक के किसान संजय कुमार ने को बताया कि केंद्र सरकार का यह फैसला जमींदार और किसान भाइयों की बेहतरी के लिए है. इससे दो पैसे बचेंगे और पैदावार ज्यादा होगी. एमएसपी बढ़ाने से किसान को प्रोत्साहन मिलेगा. सरकार का यह कदम सराहनीय है, जिससे किसानों की स्थिति सुधरेगी.
जींद के अहिरका गांव के निवासी राजेश ने कहा कि केंद्र सरकार ने रबी की फसलों के भाव में बढ़ोतरी करके किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. जींद जिले में गेहूं और सरसों रबी की मुख्य फसलें हैं. इन दोनों के भाव में बढ़ोतरी होने से किसानों को फायदा होगा. गेहूं के भाव में 150 रुपये और सरसों के भाव में 300 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी सरकार की अच्छी पहल है. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी.
एक अन्य किसान रविंद्र ने बताया कि मोदी सरकार किसान हित में लगातार फैसले ले रही है. हरियाणा कृषि प्रधान देश है. किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, तो प्रदेश और देश भी मजबूत होगा. पिछले 10 साल में भाजपा सरकार ने रबी और खरीफ फसलों के भाव में काफी बढ़ोतरी की है.
हरियाणा के कुरुक्षेत्र के एक किसान ने केंद्र सरकार के इस फैसले की सराहना की और कहा कि भाजपा सरकार ने हमेशा किसानों के हित में काम किया है. उन्होंने गेहूं और सरसों के दाम बढ़ाकर सरकार ने किसानों को दिवाली का गिफ्ट देने का काम किया है, इससे किसान खुश हैं.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी सरसों के लिए 300 रुपये प्रति क्विंटल की गई है. इसके बाद मसूर का एमएसपी 275 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है. चना, गेहूं, कुसुम और जौ के लिए क्रमशः 210 रुपये, 150 रुपये, 140 रुपये और 130 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है.
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एससीएच/एकेजे
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