Mumbai , 9 अक्टूबर . मशहूर Actress नित्या मेनन ने Thursday को फिल्म ‘कोलंबी’ और इसके निर्देशक टी.के. राजीव कुमार की दिल खोलकर तारीफ की.
नित्या ने इंस्टाग्राम पर फिल्म से जुड़ी कुछ खास तस्वीरें शेयर करते हुए पोस्ट में बताया कि इस फिल्म ने उनके दिल में एक खास जगह बनाई है. उनके मुताबिक, ‘कोलंबी’ ऐसी फिल्म है जो समय की कसौटी पर खरी उतरी और सबको एक शानदार अनुभव दिया है.
नित्या ने पोस्ट कर कैप्शन में लिखा, “कुछ पल ऐसे होते हैं (जो बहुत कम आते हैं), जब मुझे किसी फिल्म से गहरा सुकून तब मिलता है, जब मैं सही मायने में अपने अंदर के कलाकार को जिंदा रख पाती हूं. मैं वो काम कर पाती हूं, जो मैं हमेशा से करना चाहती थी, लेकिन बहुत कम मौके मिलते हैं. उन्हीं में से एक फिल्म थी, ‘कोलंबी’, जिसका निर्देशन टी.के. राजीव सर ने बहुत शानदार तरीके से किया था. यह उन चुनिंदा फिल्मों में से है, जिनके बारे में मुझे यकीन है कि ये हमेशा याद रखी जाएंगी. कला कभी पुरानी नहीं पड़ती, वो अमर होती है.”
उन्होंने बताया कि जब निर्देशक टी.के. राजीव कुमार पहली बार Bengaluru में उनके घर इस फिल्म की कहानी लेकर गए थे, तब पहली मुलाकात में ही उन्हें लगा कि यह एक ‘असली फिल्म’ है, जिसमें भावनाओं का गहरा स्पर्श है. नित्या ने बिना किसी हिचक के इस प्रोजेक्ट के लिए हामी भर दी थी.
फिल्म की शूटिंग के अनुभव को साझा करते हुए नित्या ने आग्रहारम (पुराने ब्राह्मण मोहल्ले) के माहौल का जिक्र किया, जहां शूटिंग हुई. उन्होंने बताया कि वहां के लोग हर सुबह उन्हें और पूरी टीम को नमस्कार करते थे, जैसे कि वे उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गए हों.
नित्या ने कहा, “वहां न कोई दिखावा था, न ही फिल्मी सितारों को लेकर कोई अतिरिक्त उत्साह. यह सादगी मुझे बहुत पसंद आई.”
नित्या ने यह भी बताया कि पूरी टीम ने आग्रहारम के माहौल का सम्मान करने की कोशिश की. शांत रहना, शुद्ध शाकाहारी भोजन करना और साफ-सफाई का ध्यान रखना उनकी प्राथमिकता थी. उन्होंने एक प्यारी सी दादी (पाटी) का जिक्र किया, जो शॉट्स के बीच उनका साथ देती थीं. दादी ने न केवल अपनी कहानियां और घर के बारे में बताया, बल्कि गर्मी में राहत देने के लिए अपना एसी भी ऑफर किया.
नित्या ने बताया कि आग्रहारम के पास बहने वाली नदी भी नित्या को बहुत सुकून देती थी. जब भी समय मिलता, वे वहां प्रकृति के करीब जाकर समय बिताती थीं. Actress ने फोर्ट कोच्चि के एक रेस्टोरेंट का भी जिक्र किया, जहां वे और पूरी टीम, सिजोय वर्गीस, सिद्धार्थ मेनन, और रवि वर्मन मिलकर खाना खाते थे.
नित्या ने कहा, “ये पल मेरे लिए बहुत खास थे. उस दौरान मैं सचमुच अपने जैसी महसूस करती थी. सिजोय से मैंने बहुत कुछ सीखा.”
आखिरी में, नित्या ने इस अनुभव को अपने करियर का एक यादगार हिस्सा बताया और कहा कि ‘कोलंबी’ उनके लिए केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि एक खूबसूरत यात्रा थी.
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एनएस/डीएससी
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