New Delhi, 11 जुलाई . भारत की साइबर सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करते हुए सीईआरटी-इन और बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स) पिलानी समूह ने सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र और उद्योग जगत के पेशेवरों के लिए साइबर सुरक्षा में व्यावसायिक विकास कार्यक्रम शुरू करने के लिए आपस में सहयोग किया है.
सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और उद्योग जगत के कार्यरत पेशेवरों के लिए साइबर सुरक्षा में एक 8-सप्ताह का कार्यक्रम तैयार किया गया है, जिसे बिट्स पिलानी अपने हैदराबाद कैंपस स्थित सेंटर फॉर रिसर्च एक्सीलेंस इन नेशनल सिक्योरिटी (सीआरईएनएस) के माध्यम से, अपने टेक्नोलॉजी साझेदार रैपिफज के साथ, सीईआरटी-इन के मार्गदर्शन में संचालित करेगा.
सीईआरटी-इन साइबर घटना प्रतिक्रिया के लिए भारत की राष्ट्रीय एजेंसी है.
इस सहयोग का उद्देश्य साइबर सुरक्षा में स्ट्रक्चर्ड, उच्च-प्रभाव क्षमता निर्माण की बढ़ती मांग को पूरा करना है, जो उभरते डिजिटल खतरों और साइबर सुरक्षा चुनौतियों के बीच बढ़ते महत्व का क्षेत्र है.
सीईआरटी-इन के डायरेक्टर जनरल डॉ. संजय बहल ने कहा, “भारत की साइबर मजबूत क्षमता न केवल स्वदेशी कटिंग-एज टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल और विकास में नजर आती है, बल्कि डिजिटल और क्वांटम युग की उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार एक जीवंत, उच्च कुशल प्रतिभा समूह के विकास में भी अपनी असली ताकत तलाशती है.”
उन्होंने बताया कि बिट्स-पिलानी के साथ सीईआरटी-इन का सहयोग इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
यह प्रयास पेशेवरों को कटिंग-एज साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञता से लैस करने के साथ-साथ उद्योग की उभरती मांगों और शैक्षणिक उत्कृष्टता के बीच एक गतिशील तालमेल को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है.
आईटी मंत्रालय के अनुसार, यह कार्यक्रम 19 जुलाई से शुरू होगा और सभी क्षेत्रों के पेशेवरों के लिए खुला है, जिनमें बिना किसी पूर्व कोडिंग अनुभव वाले लोग भी शामिल हैं.
कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा होने पर प्रतिभागियों को साइबर सुरक्षा में एक व्यावसायिक विकास प्रमाणपत्र प्राप्त होगा, जिसे सीईआरटी-इन और बिट्स पिलानी द्वारा सह-ब्रांड किया जाएगा.
दुनिया भर में बढ़ते साइबर खतरों के दौर में, सीईआरटी-इन भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 70बी के तहत साइबर घटनाओं से निपटने के लिए राष्ट्रीय एजेंसी के रूप में नामित, घटनाओं की रोकथाम और रियल टाइम थ्रेट मिटिगेशन से लेकर सिक्योरिटी क्वालिटी मैनेजमेंट सर्विसेज के माध्यम से साइबर मजबूती बढ़ाने तक, सीईआरटी-इन भारत की साइबर सुरक्षा रणनीति के मूल में है.
बिट्स पिलानी के ग्रुप वाइस चांसलर, प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव ने कहा, “बिट्स पिलानी में, हम साइबर सुरक्षा को न केवल एक तकनीकी चुनौती के रूप में देखते हैं, बल्कि एक राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में भी देखते हैं.”
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एसकेटी/
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