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रक्षा मंत्रालय ने शुरू की खरीद प्रक्रिया की समीक्षा

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नई दिल्ली, 19 जून . रक्षा मंत्रालय ने रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीएपी) 2020 की व्यापक समीक्षा शुरू की है. इस वर्ष को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित किया गया है. इसके मद्देनजर ही यह समीक्षा शुरू की गई है. समीक्षा का उद्देश्य रक्षा खरीद प्रक्रिया को सरकार की मौजूदा नीतियों और पहलों के साथ जोड़ना है.

रक्षा खरीद प्रक्रिया की समीक्षा का उद्देश्य सशस्त्र बलों की परिचालन आवश्यकताओं और उनके आधुनिकीकरण को समय पर पूरा करना है. यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करने के लिए महानिदेशक (खरीद) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है.

समिति में रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, रक्षा उद्योग और शिक्षा जगत के प्रतिनिधि शामिल हैं. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पूर्व आईएएस अधिकारी अपूर्व चंद्रा (1980 बैच) को समिति का प्रधान सलाहकार नियुक्त किया गया है. अपूर्व चंद्रा पहले महानिदेशक (अधिग्रहण) के पद पर कार्य कर चुके हैं. रक्षा मंत्रालय का कहना है कि समिति ने पहले ही परामर्श शुरू कर दिया है और 5 जुलाई तक सभी हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए हैं.

मंत्रालय ने बताया कि स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित प्रणालियों के माध्यम से प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भरता बढ़ाई जा रही है. निजी क्षेत्र के लिए संयुक्त उद्यमों और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सुविधा के माध्यम से देश में रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा दिया गया है. इसके माध्यम से ‘मेक इन इंडिया’ को सक्षम बनाने का प्रयास किया जा रहा है. एफडीआई संरेखण के माध्यम से विदेशी ओईएम को प्रोत्साहित करना भी इस प्रक्रिया का हिस्सा है. साथ ही भारत को वैश्विक रक्षा विनिर्माण और एमआरओ केंद्र के रूप में स्थापित करना भी इसका एक प्रमुख उद्देश्य है.

खरीद प्रक्रियाओं को सरकार की नीतियों और पहलों के साथ संरेखित करना भी इसका लक्ष्य है. ऐसे ही सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में रक्षा उपकरणों से जुड़े डिजाइन और विकास को बढ़ावा देना, स्वदेशी प्रौद्योगिकी के समावेश के लिए स्टार्टअप्स, इनोवेटर्स और निजी रक्षा उद्योग पर ध्यान केंद्रित करना इस प्रक्रिया का मकसद है. हितधारकों से जो सुझाव आमंत्रित किए गए हैं उनमें खरीद प्रक्रियाओं को कारगर बनाने के लिए नीति और प्रक्रियागत परिवर्तन की बात रखी गई है. इसमें वर्गीकरण, व्यापार करने में आसानी, परीक्षणों का संचालन, अनुबंध के बाद प्रबंधन, फास्ट ट्रैक प्रक्रियाएं और एआई जैसी नई प्रौद्योगिकियों को अपनाना शामिल है. रक्षा खरीद प्रक्रिया में अस्पष्टता को दूर करने, विसंगतियों को दूर करने और प्रक्रियात्मक स्पष्टता बढ़ाने के लिए भाषा में सुधार के लिए सुझाव आमंत्रित किए गए हैं. कई अन्य प्रासंगिक मुद्दे जिन पर समीक्षा में ध्यान दिया जाना चाहिए उन पर भी सुझाव आमंत्रित किए गए हैं.

जीसीबी/डीएससी/एकेजे

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