New Delhi, 22 अगस्त . प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने Friday को दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, गोवा, हरियाणा, झारखंड और उत्तर प्रदेश में चलाए गए अभियानों के बारे में जानकारी दी. ईडी के पणजी जोनल कार्यालय ने यह कार्रवाई निबू विंसेंट और अन्य के खिलाफ गोवा पुलिस के क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज 4.3 किलोग्राम कोकीन की डिलीवरी से संबंधित First Information Report के आधार पर की है.
ईडी की टीमों ने तलाशी अभियान के दौरान कई डिजिटल उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज मीडिया और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए. साथ ही, मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में इस्तेमाल होने वाले कई बैंक खातों को फ्रीज भी किया.
ईडी के मुताबिक, जब्त सामग्री में ड्रग तस्करी से प्राप्त धन के वित्तीय लेन-देन, अवैध धन को छिपाने के लिए इस्तेमाल की गई लेयरिंग तकनीकों और सिंडिकेट के द्वितीयक हैंडलरों व सहायकों की संलिप्तता के महत्वपूर्ण सबूत मिले. पीएमएलए जांच में अंतरराष्ट्रीय संबंधों और भारत के बाहर नेटवर्क के साथ संचार के पुख्ता सबूत मिले हैं, जो दर्शाते हैं कि यह कार्टेल केवल गोवा तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके खरीद और वितरण के लिए सीमा पार संपर्क थे.
जांच में यह भी सामने आया कि ड्रग तस्करी से अर्जित धन की उत्पत्ति को छिपाने के लिए शेल कंपनियों और बेनामी खातों का उपयोग किया गया. कुछ विदेशी नागरिक भारतीय नागरिकों के लिए नशीली दवाओं की तस्करी के लिए यात्रा टिकट और लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था करने में शामिल थे. तलाशी अभियान से एक बड़े संगठित सिंडिकेट की भूमिका उजागर हुई, जो कई राज्यों और विदेशी क्षेत्रों में नशीली दवाओं की तस्करी और अपराध से प्राप्त धन की लॉन्ड्रिंग में संलिप्त था.
जांच के दौरान पता चला कि जिम्बाब्वे का नागरिक तारिरो मंगवाना भारतीय नागरिकों के लिए धन की लॉन्ड्रिंग में शामिल था. ऐसे आठ भारतीय नागरिकों में से चार को भारत या विदेशी क्षेत्रों में नशीली दवाओं के कब्जे या संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया. अंतरराष्ट्रीय संगठित ड्रग सिंडिकेट और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के आधार पर तारिरो मंगवाना को पीएमएलए, 2002 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया. गोवा में पीएमएलए विशेष अदालत ने आरोपी को तीन दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया है.
ईडी ने ड्रग तस्करी, अनैतिक तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए पीएमएलए और संबंधित कानूनों के सभी प्रावधानों का उपयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. नशा मुक्त भारत अभियान के हिस्से के रूप में ईडी ड्रग तस्करी नेटवर्क को उनके वित्तीय स्रोतों पर प्रहार कर नष्ट करने के लिए दृढ़ संकल्पित है. अवैध आय की लॉन्ड्रिंग को लक्षित करके और ड्रग मनी से अर्जित संपत्तियों को कुर्क करके, ईडी राष्ट्रीय अभियान के नशा-मुक्त भारत के उद्देश्य को मजबूत कर रही है.
यह अभियान ड्रग तस्करी को रोकने और अपराध से उत्पन्न आपराधिक आय का पता लगाने, पहचान करने और कुर्क करने के साथ-साथ एक मजबूत निवारक संदेश देने के ईडी के निरंतर प्रयासों का उदाहरण है.
इस मामले में आगे की जांच जारी है ताकि सभी लाभार्थियों और सहायकों की पहचान की जा सके और अवैध गतिविधियों से उत्पन्न संपत्तियों का पता लगाया जा सके.
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एफएम/
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