Bhopal , 7 नवंबर . देश के अन्य राज्यों की तरह Madhya Pradesh में भी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का कार्य शुरू हो गया है और इस काम में शिक्षकों को भी लगाया गया है. राज्य के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाने से स्कूली पढ़ाई पर असर पड़ने का आरोप लगाया है.
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देश पर Madhya Pradesh में भी एसआईआर शुरू हो गया है. 65 हजार बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर वोटरों की जानकारी एकत्रित करने का कार्य कर रहे हैं. यह पूरी प्रक्रिया चार दिसंबर तक चलेगी और सात फरवरी 2026 को इसका अंतिम प्रकाशन होगा. जिन 65 हजार बीएलओ को इस काम में तैनात किया है, उनमें 15 हजार से ज्यादा शिक्षक भी हैं.
नेता प्रतिपक्ष का आरोप है कि जिन शिक्षकों की ड्यूटी इस काम में लगाई गई है उनमें से हजारों तो ऐसे हैं जो सिंगल टीचर का दायित्व निभा रहे हैं. प्रदेश में 6 हजार से ज्यादा स्कूल हैं जो केवल एक या दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं. इनमें से यदि 50 प्रतिशत स्कूलों के टीचरों की ड्यूटी भी एसआईआर में लगा दी गई तो वहां पढ़ाई ठप हो जाएगी. ऐसे स्कूलों में ताला लग जाएगा. इतना ही नहीं, कई जगह पर प्राचार्य या प्रभारी प्राचार्य को ही ड्यूटी पर लगा दिया गया है. ऐसे में स्कूल का क्या होगा?
उन्होंने ड्यूटी लगाने के मामले में नियमों की अवहेलना का भी आरोप लगाते हुए कहा कि एसआईआर के काम में 12वीं क्लास को गणित और साइंस पढ़ाने वाले टीचरों की भी ड्यूटी लगा दी गई है, जो नियम के मुताबिक नहीं है. खास बात यह है कि ये सभी लोग सात फरवरी 2026 को फ्री होंगे, उसी दिन एमपी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं.
उमंग सिंघार ने शिक्षकों पर की जा रही कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि नीमच में जब बीएलओ बनाए गए पांच शिक्षक स्कूल पढ़ाने चले गए तो उन्हें निर्वाचन कार्यों में लापरवाही बरतने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. बोर्ड परीक्षा के तीन माह पहले शिक्षकों की चुनाव ड्यूटी पर लगाना हजारों बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करना है.
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एसएनपी/डीकेपी
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