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युद्ध की तैयारी! पहलगाम अटैक के बाद एक्शन में भारतीय वायुसेना, शुरू किया युद्धाभ्यास..

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Pahalgam Terror Attack: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई और 20 से अधिक घायल हुए. लश्कर-ए-तैयबा के विंग ‘द रजिस्टेंट फ्रंट’ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली. भारत ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद करार देते हुए कठोर कदम उठाए. जिनमें सिंधु जल संधि का निलंबन, वाघा बॉर्डर बंद करना, और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा रोकना शामिल है. इस संवेदनशील माहौल में भारतीय वायुसेना (IAF) ने 24 अप्रैल 2025 को सेंट्रल सेक्टर में बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास ‘आक्रमण’ (Exercise Aakraman) शुरू किया. जिसे युद्ध की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है.

‘आक्रमण’ युद्धाभ्यास

‘आक्रमण’ युद्धाभ्यास का नाम ही इसके आक्रामक और रणनीतिक उद्देश्य को दर्शाता है. यह अभ्यास सेंट्रल सेक्टर में चल रहा है. जिसमें वायुसेना के अत्याधुनिक लड़ाकू विमान, जैसे राफेल, सुखोई-30 MKI और अन्य उपकरण शामिल हैं.

पहाड़ी और जमीनी लक्ष्यों पर हमला: पायलट पहाड़ी क्षेत्रों और समतल मैदानों में दुश्मन के ठिकानों पर सटीक बमबारी (प्रिसिशन स्ट्राइक) का अभ्यास कर रहे हैं. यह जम्मू-कश्मीर जैसे ऊबड़-खाबड़ इलाकों में ऑपरेशन की तैयारी को दर्शाता है.

इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और लंबी दूरी की स्ट्राइक: राफेल जेट्स, जो मेटियोर हवा-से-हवा मिसाइलों और रैम्पेज व रॉक्स जैसी लंबी दूरी की सटीक मिसाइलों से लैस हैं. इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (Electronic Warfare) और जटिल मिशनों का अभ्यास कर रहे हैं.

पूर्वी सेक्टर से उपकरणों का स्थानांतरण: वायुसेना ने पूर्वी सेक्टर (हाशिमारा, पश्चिम बंगाल) सहित कई एयरबेसों से विमान और उपकरण सेंट्रल सेक्टर में तैनात किए हैं. जो तेजी से सैन्य तैनाती की क्षमता को दर्शाता है.

यथार्थवादी युद्ध परिदृश्य: पायलट्स को वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों (Real War Situation) में प्रशिक्षित किया जा रहा है. जिसमें जटिल ग्राउंड अटैक और हाई-इंटेंसिटी ऑपरेशन शामिल हैं.

उच्च स्तरीय निगरानी: इस अभ्यास की निगरानी वायुसेना मुख्यालय और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जा रही है जो इसकी रणनीतिक महत्व को रेखांकित करता है.

राफेल और सुखोई-30 की भूमिका

भारतीय वायुसेना के पास दो राफेल स्क्वाड्रन हैं जो अंबाला (हरियाणा) और हाशिमारा (पश्चिम बंगाल) में तैनात हैं. ये अत्याधुनिक जेट्स ‘आक्रमण’ युद्धाभ्यास के केंद्र में हैं. सुखोई-30 MKI जो अपनी बहु-भूमिका क्षमताओं के लिए जाना जाता है. राफेल जेट्स की मेटियोर मिसाइलें जो 150 किमी से अधिक की रेंज रखती हैं और रैम्पेज जैसी लंबी दूरी की मिसाइलें भारत को दक्षिण एशिया में रणनीतिक बढ़त देती हैं. यह युद्धाभ्यास पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देता है कि भारत किसी भी चुनौती के लिए तैयार है.

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