इन दिनों वजन कम करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग एक लोकप्रिय तरीका बन गया है। यह डाइट बॉलीवुड सितारों से लेकर आम जनता तक में प्रचलित है। लेकिन हाल ही में एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि इस प्रकार की फास्टिंग से समय से पहले मृत्यु का जोखिम बढ़ सकता है। अध्ययन के अनुसार, दिन में केवल एक बार भोजन करने से मृत्यु का खतरा 30% तक बढ़ जाता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि नाश्ता न करने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है, जबकि दोपहर का भोजन या नाश्ता छोड़ने से मृत्यु की संभावना और अधिक बढ़ जाती है। उनका कहना है कि यदि लोग नियमित व्यायाम करते हैं, संतुलित आहार लेते हैं और धूम्रपान से दूर रहते हैं, तो भी वजन कम किया जा सकता है। लेकिन लंबे समय तक भोजन के बीच गैप रखना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
अधिक खाने के खतरे
शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले लोग अक्सर एक बार में बहुत अधिक भोजन करते हैं, जिससे शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है। टेनेसी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि दिन में तीन बार भोजन करना सबसे अच्छा तरीका है। अध्ययन में यह भी देखा गया कि भोजन के बीच बहुत कम समय होने से भी समय से पहले मौत का खतरा बढ़ता है। अधिक खाने से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है, जिससे शरीर को आवश्यक पोषक तत्वों का अवशोषण करने में कठिनाई हो सकती है।
You may also like
केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा-'आपातकाल' कांग्रेस की सत्ता की भूख का 'अन्यायकाल'
यमुनानगर: बारिश से किसानों के चेहरे खिले, धान की बुआई में मिलेगा लाभ
जगन्नाथपुर रथ यात्रा को लेकर ट्रैफिक में बदलाव, वाहनों की रहेगी नो इंट्री
युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक के ख़तरे से ख़ुद को कैसे बचाएं
'काश ऐसा होता'- लीड्स टेस्ट मैच हारने के बाद शुभमन गिल ने क्यों कहा ऐसा