
शरीर के अंदर कई प्रकार के कीड़े होते हैं, जो विभिन्न आकार और रंग में पाए जाते हैं। ये कीड़े कई कारणों से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, जैसे कि छोटे बच्चों द्वारा घर में बिखरे सामान को खाने से, मिट्टी के संपर्क में आने से, दूषित पानी पीने से, या घावों में सड़न होने से।
स्वास्थ्य नियमों का पालन
जो लोग स्वास्थ्य के नियमों का पालन नहीं करते, वे पेट के कीड़ों से अधिक प्रभावित होते हैं। ये कीड़े मल, कफ और रक्त के साथ बाहर निकल जाते हैं। छोटे कीड़ों को 'चुनने' और बड़े कीड़ों को 'पटेरे' कहा जाता है।
पेट के कीड़ों के कारण
पेट में कीड़ों के कई कारण होते हैं, जैसे कि दूषित खान-पान, गंदे हाथों से खाना, भूख न लगने पर खाना, मक्खियों द्वारा दूषित भोजन, और अधिक।
आवश्यक सामग्री
अनार की जड़ की छाल 50 ग्राम
250 मिलीलीटर पानी
पलास बीज का चूर्ण 5 ग्राम
बायविडंग 10 ग्राम
बनाने की विधि
अनार के पेड़ की जड़ की ताजा छाल को 50 ग्राम लेकर छोटे टुकड़ों में काट लें। इसमें पलास बीज का चूर्ण और बायविडंग मिलाकर एक लीटर पानी में उबालें। इसे तब तक उबालें जब तक आधा पानी न रह जाए। फिर इसे ठंडा करके छान लें।
यह जल दिन में चार बार आधा-आधा घंटे के अंतराल पर 50 ग्राम की मात्रा में पिलाने से पेट के सभी प्रकार के कीड़े बाहर निकल जाते हैं।
अन्य घरेलू उपाय
अनार की जड़ की छाल, पलास बीज और बायविडंग को मिलाकर काढ़ा बनाकर शहद के साथ पीने से पेट के कीड़े बाहर निकल जाते हैं।
अनार की जड़ का काढ़ा बनाकर मीठे तेल के साथ सेवन करने से आंतों के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
परहेज करने योग्य चीजें
बेसन, तिल, आलू, दही, मांस, मछली, और अधिक का सेवन नहीं करना चाहिए।
केला, सरसों का साग, नींबू का रस, अदरक की चटनी, और अन्य स्वास्थ्यवर्धक चीजों का सेवन करना चाहिए।
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