नासा ने यह दावा किया है कि 2029 तक इंसान एलियंस के साथ रेडियो सिग्नल के माध्यम से संपर्क स्थापित कर सकेंगे। कैलिफोर्निया और लॉस एंजेलेस विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुसार, नासा के एक दल ने पृथ्वी से 27 प्रकाश वर्ष दूर सिग्नल भेजे हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि 2002 में भेजे गए सिग्नल को एक्सट्राटेरेस्ट्रियल जीवन ने प्राप्त किया होगा, और उम्मीद है कि इसका जवाब 2029 तक पृथ्वी पर वापस आएगा।
रेडियो सिग्नल का महत्व
नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि उनके द्वारा भेजे गए रेडियो सिग्नल चार ग्रहों तक पहुँच चुके हैं। यदि किसी एलियन ने इन सिग्नलों का जवाब दिया, तो इसे अगले कुछ वर्षों में पृथ्वी पर सुना जा सकेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि एलियंस अंतरिक्ष यान के निकट हैं और सिग्नल को समझने में सक्षम हैं, तो 2029 की शुरुआत में उनकी आवाज सुनाई दे सकती है।
नासा का प्रयास
नासा 1972 से रहस्यमय अंतरिक्ष यानों (UFOs) का अध्ययन कर रहा है। एलियंस से संपर्क के लिए, उन्होंने डीप स्पेस नेटवर्क (DSN) नामक रेडियो एंटीना प्रणाली का उपयोग किया है। कई संस्थानों के वैज्ञानिक एलियंस की आवाज को पृथ्वी तक लाने के लिए प्रयासरत हैं।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के हॉवर्ड इसाकसन और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजेलेस के रेली डेरिक ने नासा की टीम के साथ मिलकर एक बड़ा प्रयोग किया है। उनका ध्यान रेडियो सिग्नलों के माध्यम से एलियंस तक पहुँचने की प्रक्रिया पर है।
नासा की उपलब्धियाँ
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि जल्द ही अलौकिक जीवों द्वारा रेडियो सिग्नल को इंटरसेप्ट किया जा सकेगा और वे अपनी प्रतिक्रिया पृथ्वी तक भेज सकेंगे। इसका मतलब है कि इंसान एलियंस से संवाद कर सकेंगे। नासा ने 2002 में पायनियर मिशन के तहत 12 रेडियो तरंगें भेजी थीं, जो पृथ्वी से लगभग 27 प्रकाश-वर्ष दूर एक तारे तक पहुँची थीं।
शोधकर्ताओं ने वायेजर 1, वायेजर 2, पायनियर 10, पायनियर 11 और न्यू होराइजन्स अंतरिक्ष यानों के भेजे गए संकेतों का अध्ययन किया है। उन्होंने एक नक्शा तैयार किया है जो दर्शाता है कि ब्रह्मांड में सिग्नल कहाँ तक फैल सकते हैं।
DSN नेटवर्क का योगदान
ये अंतरिक्ष यान डीप स्पेस नेटवर्क (DSN) के रेडियो एंटेना के साथ संचार कर रहे हैं। वैज्ञानिक और टेलीमेट्री डेटा डाउनलोड कर रहे हैं। DSN नासा का एक बड़ा रेडियो एंटेना नेटवर्क है जो अंतरिक्ष यान मिशनों और कुछ पृथ्वी-परिक्रमा उपग्रहों का समर्थन करता है। एक अध्ययन में बताया गया है कि वायेजर 2, पायनियर 10 और पायनियर 11 को भेजे गए प्रसारण पहले ही कम से कम एक तारे के संपर्क में आ चुके हैं। टीम का अनुमान है कि 2029 तक वे एलियंस से संपर्क करने में सक्षम होंगे।
You may also like
बंगाल फर्जी पासपोर्ट घोटाला : ईडी ने दिनभर की तलाशी के बाद सरगना को किया गिरफ्तार
मवेशी लदा पिकअप पलटा,चार मवेशी की मौत,दो मवेशी सहित सवार तीन लोग घायल
एमसीडी में 25 अप्रैल को महापौर और उपमहापौर के होंगे चुनाव, भाजपा का पलड़ा दिख रहा है भारी
All College Girls' Lipstick Guide: 5 Gorgeous Shades Under ₹299 You'll Instantly Love
जीवनभर बवासीर से बचने का सबसे जबरदस्त उपाय, बस ये 5 आदत अपना लो