आपने सुपरफास्ट ट्रेनों के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक बेहद धीमी ट्रेन भी है? यह ट्रेन इतनी धीरे चलती है कि पैदल चलना अधिक सुविधाजनक लगता है। यह ट्रेन 46 किलोमीटर की दूरी तय करने में 5 घंटे का समय लेती है।
सफर का आनंद और टिकटों की मांग
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस धीमी ट्रेन में यात्रा करने के लिए टिकटों की भारी मांग रहती है। लोग इस ट्रेन में सफर करने के लिए लंबा इंतजार करते हैं। आज के लेख में हम आपको इस देश की सबसे धीमी ट्रेन की विशेषताओं से परिचित कराएंगे।
कौन सी है सबसे धीमी ट्रेन?
यह ट्रेन प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाते हुए यात्रा का आनंद दोगुना कर देती है। इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया है। यह ट्रेन खूबसूरत रास्तों, पहाड़ियों और जंगलों के बीच से गुजरती है, जिससे यात्रियों को असली प्रकृति का अनुभव होता है।
नीलगिरी माउंटेन एक्सप्रेस का परिचय
तमिलनाडु के मेट्टुपालयम स्टेशन से ऊंटी के उदगमंडल स्टेशन तक जाने वाली नीलगिरी माउंटेन एक्सप्रेस देश की सबसे धीमी गति से चलने वाली ट्रेन मानी जाती है। यह ट्रेन केलर, कुन्नूर, वेलिंगटन, लवडेल और ऊटाकामुंड जैसे खूबसूरत स्थानों से होकर गुजरती है।
नीलगिरी माउंटेन ट्रेन की शुरुआत
इस ट्रेन की शुरुआत अंग्रेजों द्वारा 1899 में की गई थी। नीलगिरी एक्सप्रेस का सफर स्टीम इंजन के साथ शुरू हुआ था, जिसकी आवाज आपको बचपन की याद दिला देगी। 2005 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।
ट्रेन की विशेषताएँ
इस ट्रेन में नीले और क्रीम रंग के लकड़ी के डिब्बे और बड़ी खिड़कियाँ हैं। यह 46 किलोमीटर के सफर में 16 सुरंगों और 250 से अधिक पुलों को पार करती है।
किराया कितना है?
फर्स्ट क्लास यात्रा के लिए आपको 545 रुपये का टिकट और सेकंड क्लास के लिए 270 रुपये का टिकट लेना होगा। यह सफर आपकी जेब पर भारी नहीं पड़ेगा।
ट्रेन का चित्र
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