उत्तर प्रदेश के चिथरी क्षेत्र से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक मुस्लिम बहुल गांव में एक हिंदू बुजुर्ग के अंतिम संस्कार को रोकने का प्रयास किया गया। जानकारी के अनुसार, चिथरी के रूटिया गांव में 650 मुस्लिम परिवारों के बीच एक अनुसूचित जाति का परिवार निवास करता है।
इस परिवार के एक बुजुर्ग सदस्य का निधन हो गया।
जब परिवार ने गांव में दाह संस्कार करने का प्रयास किया, तो मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने इसका विरोध किया। उन्होंने परिवार को बताया कि शव को इस्लामिक रीति से दफनाना होगा और हिंदू रीति से दाह संस्कार की अनुमति नहीं दी जाएगी।
विधायक की दखल
इस मामले की जानकारी मिलने पर चिथरी के विधायक राघवेंद्र शर्मा ने तुरंत जिले के एसएसपी से संपर्क किया। इसके बाद, एसएसपी ने स्थानीय थानेदार को फटकार लगाई, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में पुलिस बल रूटिया गांव पहुंचा। पुलिस की मौजूदगी में मृतक के परिजनों ने रामगंगा के किनारे अंतिम संस्कार किया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस घटना के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं तीव्र हो गई हैं। कई लोगों ने सवाल उठाया है कि यह किस प्रकार का भाईचारा है। क्या किसी समुदाय की संख्या बढ़ने पर दूसरे समुदाय को अपने धार्मिक अनुष्ठान करने से रोका जा सकता है?
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