भारत में कुछ साल पहले शुरू किए गए FASTAG सिस्टम को अब बदलने की तैयारी की जा रही है। पहले वाहन चालकों को टोल टैक्स के लिए FASTAG लगवाना पड़ता था, लेकिन अब GNSS सिस्टम लागू किया जाएगा।
नए सिस्टम के साथ कई लाभों का वादा किया जा रहा है। जब FASTAG पहली बार शुरू हुआ था, तब यह कहा गया था कि इससे टोल टैक्स का भुगतान 30 सेकंड में संभव होगा और लोगों के पैसे भी बचेंगे।
हालांकि, वास्तविकता में टोल प्लाजा पर लंबी कतारें अब भी आम हैं। कई बार लिंक फेल होने या सिस्टम में गड़बड़ी के कारण वाहन चालकों को टोल प्लाजा पार करने में 10 से 15 मिनट लग जाते हैं।
GNSS सिस्टम की टेस्टिंग शुरू हो चुकी है, और इसके कई फायदे बताए जा रहे हैं।
इस नए सिस्टम के तहत, टोल प्लाजा को हटाने का प्रस्ताव है, और सैटेलाइट आधारित प्रणाली से टोल वसूली की जाएगी। यदि वाहन 20 किलोमीटर के दायरे में रुकता है, तो उस पर टोल टैक्स नहीं लगेगा।
इसके अलावा, टोल चार्ज प्रति किलोमीटर के हिसाब से कटेगा, जिससे वाहन चालकों को केवल उतना ही भुगतान करना होगा जितना वे एक्सप्रेसवे पर यात्रा करते हैं। इससे शहर के पास टोल टैक्स पर भारी शुल्क से राहत मिलेगी।
वर्तमान में, इस सिस्टम का परीक्षण बेंगलुरु-मैसूर हाईवे NH 275 और पानीपत-हिसार हाईवे NH 709 पर किया जा रहा है।
यदि यह सिस्टम सफल परीक्षण में पास होता है, तो वाहन मालिकों को अपने वाहनों में नया सिस्टम लगाने के लिए सर्विस सेंटर या टोल नाकों पर जाना होगा।
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