नई दिल्ली: रेलवे सेक्टर की सरकारी कंपनी Railtel Corporation of India ने गुरुवार को बताया कि उसे सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड से 40.2 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है. सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड सरकार की हिस्सेदारी वाली कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है. हालांकि शुक्रवार को स्टॉक में गिरावट देखने को मिल रही है और ख़बर लिखे जाने तक कंपनी के शेयर 1.74 प्रतिशत की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहे थे.
कंपनी को मिला ऑर्डरकंपनी ने गुरुवार को बताया कि उसे सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड से 40.2 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिला है. यह ऑर्डर 8.4 Gbps (गीगाबिट प्रति सेकंड) कैपेसिटी वाली हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएँ प्रदान करने के लिए है.
इस प्रोजेक्ट को 23 नवंबर, 2025 तक पूरा किया जाना है. इस ऑर्डर राशि में टैक्स शामिल हैं और यह रेलटेल की सरकार समर्थित डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की बढ़ती सूची में शामिल हो जाएगी.
तिमाही के नतीजेकंपनी का नेट प्रॉफिट पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में 46% बढ़कर 113.45 करोड़ रुपये हो गया. कंपनी का कुल रेवेन्यू 57% बढ़कर 1,308 करोड़ रुपये हो गया. साथ ही, इसका EBITDA पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में 54% बढ़कर 179.63 करोड़ रुपये हो गया.
हालाँकि, कंपनी का प्रॉफि मार्जिन पिछले साल के 14% से थोड़ा कम होकर 13.7% रह गया. यह मामूली गिरावट इसलिए हुई क्योंकि परियोजनाओं को चलाने की लागत पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में 86% बढ़ गई.
FII भी बढ़ा रहे हैं हिस्सेदारीकंपनी में एफआईआई भी अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. ट्रेंडलाइन के मुताबिक, कंपनी में एफआईआई ने जून 2025 तिमाही में अपनी हिस्सेदारी को 3.33% से बढ़ाकर 3.67% कर दिया है.
शेयर परफॉरमेंसपिछले एक साल में यह स्टॉक 20 प्रतिशत तक गिरा है. लेकिन पिछले 5 साल में स्टॉक ने निवेशकों को 226 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. स्टॉक का 52 वीक हाई लेवल 518 रुपये का है, तो स्टॉक का 52 वीक लो लेवल 265 रुपये का है. इसका मतलब यह है कि स्टॉक अपने लो लेवल से 50 प्रतिशत की तेज़ी दिखा चुका है.
कंपनी को मिला ऑर्डरकंपनी ने गुरुवार को बताया कि उसे सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड से 40.2 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिला है. यह ऑर्डर 8.4 Gbps (गीगाबिट प्रति सेकंड) कैपेसिटी वाली हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएँ प्रदान करने के लिए है.
इस प्रोजेक्ट को 23 नवंबर, 2025 तक पूरा किया जाना है. इस ऑर्डर राशि में टैक्स शामिल हैं और यह रेलटेल की सरकार समर्थित डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की बढ़ती सूची में शामिल हो जाएगी.
तिमाही के नतीजेकंपनी का नेट प्रॉफिट पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में 46% बढ़कर 113.45 करोड़ रुपये हो गया. कंपनी का कुल रेवेन्यू 57% बढ़कर 1,308 करोड़ रुपये हो गया. साथ ही, इसका EBITDA पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में 54% बढ़कर 179.63 करोड़ रुपये हो गया.
हालाँकि, कंपनी का प्रॉफि मार्जिन पिछले साल के 14% से थोड़ा कम होकर 13.7% रह गया. यह मामूली गिरावट इसलिए हुई क्योंकि परियोजनाओं को चलाने की लागत पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में 86% बढ़ गई.
FII भी बढ़ा रहे हैं हिस्सेदारीकंपनी में एफआईआई भी अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. ट्रेंडलाइन के मुताबिक, कंपनी में एफआईआई ने जून 2025 तिमाही में अपनी हिस्सेदारी को 3.33% से बढ़ाकर 3.67% कर दिया है.
शेयर परफॉरमेंसपिछले एक साल में यह स्टॉक 20 प्रतिशत तक गिरा है. लेकिन पिछले 5 साल में स्टॉक ने निवेशकों को 226 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. स्टॉक का 52 वीक हाई लेवल 518 रुपये का है, तो स्टॉक का 52 वीक लो लेवल 265 रुपये का है. इसका मतलब यह है कि स्टॉक अपने लो लेवल से 50 प्रतिशत की तेज़ी दिखा चुका है.
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