JSW इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में शुक्रवार को अचानक हलचल देखने को मिली जब सिंगापुर सरकार ने ब्लॉक डील के ज़रिए कंपनी के 1.84 करोड़ शेयर खरीद लिए। इस सौदे की कुल कीमत 531 करोड़ रुपये रही, और यह सौदा 288.10 रुपये प्रति शेयर के भाव पर हुआ, जो गुरुवार के बंद भाव 296.70 रुपये की तुलना में लगभग 3% की छूट पर था।मार्च 2025 की समाप्ति पर तिमाही में सिंगापुर सरकार के पास JSW इंफ्रास्ट्रक्चर में पहले से ही 1.49% हिस्सेदारी थी। अब इस ब्लॉक डील के बाद कंपनी में उनकी हिस्सेदारी में इजाफा हुआ है, जिससे बाजार में इस डील को लेकर खासा उत्साह देखा गया।हालांकि, साल 2025 में अब तक JSW इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में करीब 11% की गिरावट आई है, जबकि बीते एक साल में कंपनी के स्टॉक्स ने 11% की बढ़त दर्ज की है। इसके मुकाबले निफ्टी इंडेक्स ने साल की शुरुआत से अब तक 5.3% का रिटर्न दिया है और बीते 12 महीनों में यह 12% चढ़ा है, जिससे JSW इंफ्रास्ट्रक्चर को मार्केट अंडरपरफॉर्म की श्रेणी में रखा जा सकता है।तकनीकी रूप से देखा जाए तो JSW इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर इस समय अपने 50-दिवसीय और 200-दिवसीय सिंपल मूविंग एवरेज (SMA) से नीचे ट्रेड कर रहे हैं। कंपनी के शेयरों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है, और इसका 1-वर्षीय बीटा 1.3 है, जो इसकी हाई वोलैटिलिटी को दर्शाता है। कमाई और कारोबार में दमदार ग्रोथवित्तीय वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ (PAT) 516 करोड़ रुपये रहा, जो साल-दर-साल आधार पर 57% की जोरदार बढ़ोतरी है। वहीं पूरे वित्त वर्ष में कंपनी ने 1521 करोड़ रुपये का PAT दर्ज किया, जो 31% की ग्रोथ को दर्शाता है।कंपनी की कुल आय में भी अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली। चौथी तिमाही में राजस्व 1,372 करोड़ रुपये रहा जो 14% की सालाना वृद्धि है, जबकि पूरे साल का राजस्व 4829 करोड़ रुपये रहा, जिसमें 20% की बढ़त दर्ज की गई।EBITDA (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की आय) की बात करें तो तिमाही EBITDA 730 करोड़ रुपये रहा, जो 7% की बढ़ोतरी है, जबकि पूरे साल का EBITDA 2,615 करोड़ रुपये रहा, जिसमें 17% का इजाफा हुआ। कार्गो वॉल्यूम और टर्मिनल प्रदर्शनJSW इंफ्रास्ट्रक्चर ने इस वित्त वर्ष में कुल 31.2 मिलियन टन कार्गो हैंडल किया, जो 5% की सालाना वृद्धि है। यह वृद्धि खासतौर पर मैंगलोर, एन्नोर और पारादीप में कोल टर्मिनलों के मजबूत प्रदर्शन के चलते संभव हुई। इसके अलावा, तूतीकोरिन टर्मिनल और जेएनपीए लिक्विड टर्मिनल की अंतरिम संचालन से भी कंपनी को फायदा हुआ। हालांकि, पारादीप के आयरन ओर टर्मिनल पर कम कार्गो वॉल्यूम के कारण इस वृद्धि को आंशिक रूप से बाधित भी किया गया।तीसरे पक्ष (Third Party) से कार्गो वॉल्यूम में 11% की जबरदस्त सालाना बढ़त देखी गई, और इस वॉल्यूम का हिस्सा कुल हैंडलिंग में अब 50% पहुंच गया है, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 47% था।(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
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