इन दिनों सोशल मीडिया पर सोहम पारेख का नाम काफी चर्चा का विषय बना हुआ है. सोहम पारेख एक साथ 3-4 कंपनियों में काम कर रहे थे और वह हर दिन लगभग 2.50 लाख रुपये की कमाई भी कर रहे थे. सोहम पारेख एक भारतीय इंजीनियर और कंसल्टेंट हैं. उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की है. आइए जानते हैं आखिर सोहम पारेख एक साथ 4 कंपनियों में काम क्यों करते हैं.
सोहम पारेख के सीवी के अनुसार, उन्होनें Synthesia, Dynamo AI, Union AI और Alan AI जैसी बड़ी टेक कंपनियों में काम किया है लेकिन AI प्लेग्राउंड के फाउंडर सुहेल ने उनके सीवी को फ्रॉड बताया और एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि सोहम एक साथ 3 से 4 कंपनियों में काम कर रहे हैं. वह सुहेल की कंपनी में भी काम करते थे, जिसके बाद सुहेल ने सोहम को अपनी कंपनी से निकाल दिया.
एक अमेरिकी उद्यमी ने दावा किया है कि सोहम मूनलाइटिंग करता है यानी वह एक साथ कई कंपनियों में काम करता है. सोहम पारेख इसके बाद पूरी सोशल मीडिया पर छा गए. इसी के साथ साथ लोग सोहम पारेख के ऊपर कई मीम्स भी बनाने लगे.
अपने काम को लेकर बोले सोहम पारेखसोहम पारेख ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि वह अपने किए पर गर्व नहीं करते और न ही इसे सही ठहराते है. उन्होंने यह मजबूरी में किया क्योंकि वह बेहद मुश्किल आर्थिक हालात में थे. सोहम का कहना है कि कोई भी 140 घंटे हफ्ते में काम करना पसंद नहीं करता लेकिन मैंने ये हालात से मजबूर होकर किया है. मैं अपनी जिंदगी ज्यादा किसी से शेयर नहीं करता. इसके अलावा सोहम का मानना है कि वह अच्छे इंजिनियर है, तभी तीन जगह साथ काम कर पाएं हैं.
सोहम पारेख के सीवी के अनुसार, उन्होनें Synthesia, Dynamo AI, Union AI और Alan AI जैसी बड़ी टेक कंपनियों में काम किया है लेकिन AI प्लेग्राउंड के फाउंडर सुहेल ने उनके सीवी को फ्रॉड बताया और एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि सोहम एक साथ 3 से 4 कंपनियों में काम कर रहे हैं. वह सुहेल की कंपनी में भी काम करते थे, जिसके बाद सुहेल ने सोहम को अपनी कंपनी से निकाल दिया.
एक अमेरिकी उद्यमी ने दावा किया है कि सोहम मूनलाइटिंग करता है यानी वह एक साथ कई कंपनियों में काम करता है. सोहम पारेख इसके बाद पूरी सोशल मीडिया पर छा गए. इसी के साथ साथ लोग सोहम पारेख के ऊपर कई मीम्स भी बनाने लगे.
अपने काम को लेकर बोले सोहम पारेखसोहम पारेख ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि वह अपने किए पर गर्व नहीं करते और न ही इसे सही ठहराते है. उन्होंने यह मजबूरी में किया क्योंकि वह बेहद मुश्किल आर्थिक हालात में थे. सोहम का कहना है कि कोई भी 140 घंटे हफ्ते में काम करना पसंद नहीं करता लेकिन मैंने ये हालात से मजबूर होकर किया है. मैं अपनी जिंदगी ज्यादा किसी से शेयर नहीं करता. इसके अलावा सोहम का मानना है कि वह अच्छे इंजिनियर है, तभी तीन जगह साथ काम कर पाएं हैं.
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