कोल इंडिया लिमिटेड ने अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के लिए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), NSE और BSE को सौंप दिया है। यह IPO पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा, जिसमें कोल इंडिया द्वारा BCCL के 46.57 करोड़ इक्विटी शेयर बेचे जाएंगे। इसमें कोई नया शेयर जारी नहीं किया जाएगा, इसलिए इस आईपीओ से होने वाली पूरी राशि कोल इंडिया को ही जाएगी।
इस आईपीओ से जुड़े प्राइस बैंड, लॉट साइज जैसी महत्वपूर्ण जानकारी बाद में बुक रनिंग लीड मैनेजर्स से परामर्श कर घोषित की जाएगी। इस आईपीओ में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज और आईडीबीआई कैपिटल मार्केट्स एंड सिक्योरिटीज लीड मैनेजर्स की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि केफिन टेक्नोलॉजीज को रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है।
गौरतलब है कि BCCL से ठीक एक हफ्ते पहले ही कोल इंडिया की एक और सहायक कंपनी सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टिट्यूट (CMPDI) ने भी 7.14 करोड़ शेयरों की बिक्री वाले ओएफएस आधारित आईपीओ के लिए डीआरएचपी दाखिल किया था। दोनों कंपनियां NSE और BSE पर लिस्ट होने की योजना बना रही हैं, जिससे उन्हें बाजार में ज्यादा दृश्यता और परिचालनिक लचीलापन (operational flexibility) मिल सकेगा।
इन आईपीओ के ज़रिए निवेशकों को भारत के ऊर्जा और खनन परामर्श (mining consultancy) सेक्टर में निवेश का एक नया अवसर मिलेगा। CMPDI की बात करें तो यह कंपनी 1975 में स्थापित हुई थी और कोल इंडिया की प्रमुख सलाहकार के रूप में जानी जाती है। यह कंपनी कोयला एवं खनिज अन्वेषण, खनन योजना, पर्यावरण प्रबंधन, बुनियादी ढांचा इंजीनियरिंग और विशेष खनन तकनीकों जैसे क्षेत्रों में परामर्श सेवाएं देती है।
CMPDI के पास भारत भर में सात क्षेत्रीय संस्थान हैं, जैसे कि आसनसोल, धनबाद, रांची, नागपुर और भुवनेश्वर, और यह खनन चक्र के हर चरण में सेवाएं प्रदान करती है। इसके ग्राहकों में सरकारी विभाग और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयाँ शामिल हैं। FY25 में CMPDI ने 2,103 करोड़ रुपये की आय पर 667 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जबकि FY24 में उसका लाभ 503 करोड़ रुपये और आय 1,732 करोड़ रुपये थी। 31 मार्च 2025 तक इसकी कुल नेटवर्थ 2,042 करोड़ रुपये थी और कंपनी के ऊपर कोई कर्ज नहीं था।
CMPDI की वित्तीय स्थिति बेहद मजबूत है। FY25 में कंपनी ने 32.7% का रिटर्न ऑन नेटवर्थ (RoNW) और 30% से अधिक EBITDA मार्जिन दर्ज किया। इसकी आय का लगभग 67% हिस्सा कोल इंडिया की सहायक कंपनियों से आता है। CMPDI के आईपीओ के लिए एसबीआई कैपिटल मार्केट्स और आईडीबीआई कैपिटल लीड मैनेजर्स के रूप में नियुक्त किए गए हैं।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
इस आईपीओ से जुड़े प्राइस बैंड, लॉट साइज जैसी महत्वपूर्ण जानकारी बाद में बुक रनिंग लीड मैनेजर्स से परामर्श कर घोषित की जाएगी। इस आईपीओ में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज और आईडीबीआई कैपिटल मार्केट्स एंड सिक्योरिटीज लीड मैनेजर्स की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि केफिन टेक्नोलॉजीज को रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है।
गौरतलब है कि BCCL से ठीक एक हफ्ते पहले ही कोल इंडिया की एक और सहायक कंपनी सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टिट्यूट (CMPDI) ने भी 7.14 करोड़ शेयरों की बिक्री वाले ओएफएस आधारित आईपीओ के लिए डीआरएचपी दाखिल किया था। दोनों कंपनियां NSE और BSE पर लिस्ट होने की योजना बना रही हैं, जिससे उन्हें बाजार में ज्यादा दृश्यता और परिचालनिक लचीलापन (operational flexibility) मिल सकेगा।
इन आईपीओ के ज़रिए निवेशकों को भारत के ऊर्जा और खनन परामर्श (mining consultancy) सेक्टर में निवेश का एक नया अवसर मिलेगा। CMPDI की बात करें तो यह कंपनी 1975 में स्थापित हुई थी और कोल इंडिया की प्रमुख सलाहकार के रूप में जानी जाती है। यह कंपनी कोयला एवं खनिज अन्वेषण, खनन योजना, पर्यावरण प्रबंधन, बुनियादी ढांचा इंजीनियरिंग और विशेष खनन तकनीकों जैसे क्षेत्रों में परामर्श सेवाएं देती है।
CMPDI के पास भारत भर में सात क्षेत्रीय संस्थान हैं, जैसे कि आसनसोल, धनबाद, रांची, नागपुर और भुवनेश्वर, और यह खनन चक्र के हर चरण में सेवाएं प्रदान करती है। इसके ग्राहकों में सरकारी विभाग और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयाँ शामिल हैं। FY25 में CMPDI ने 2,103 करोड़ रुपये की आय पर 667 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जबकि FY24 में उसका लाभ 503 करोड़ रुपये और आय 1,732 करोड़ रुपये थी। 31 मार्च 2025 तक इसकी कुल नेटवर्थ 2,042 करोड़ रुपये थी और कंपनी के ऊपर कोई कर्ज नहीं था।
CMPDI की वित्तीय स्थिति बेहद मजबूत है। FY25 में कंपनी ने 32.7% का रिटर्न ऑन नेटवर्थ (RoNW) और 30% से अधिक EBITDA मार्जिन दर्ज किया। इसकी आय का लगभग 67% हिस्सा कोल इंडिया की सहायक कंपनियों से आता है। CMPDI के आईपीओ के लिए एसबीआई कैपिटल मार्केट्स और आईडीबीआई कैपिटल लीड मैनेजर्स के रूप में नियुक्त किए गए हैं।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
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