आज के जमाने में पैसे की जरूरत कभी भी और अचानक पड़ सकती है। ऐसे में लोन अगेंस्ट फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और पर्सनल लोन दो लोकप्रिय ऑप्शन हैं। दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। FD पर लोन लेना सस्ता और तेज़ होता है जबकि पर्सनल लोन ज्यादा फ्लेक्सिबल है लेकिन महंगा पड़ता है। जानिए कौन सा ऑप्शन आपकी फाइनेंशियल जरूरतों के लिए सही रहेगा और किसमें रिपेमेंट और रिस्क का फर्क होता है।
लोन अगेंस्ट फिक्स्ड डिपॉजिट
लोन अगेंस्ट FD का मतलब है कि आप अपने FD को बैंक को कोलेटरल के रूप में देकर उससे लोन ले सकते हैं। बैंक आमतौर पर FD की वैल्यू का 80% से 90% तक लोन देता है। सबसे बड़ी खासियत यह है कि FD पर इंटरेस्ट मिलना जारी रहता है भले ही आपने उसे प्लेज कर रखा हो। इस तरह का लोन पर्सनल लोन के मुकाबले बहुत सस्ता होता है क्योंकि इंटरेस्ट रेट FD की तुलना में सिर्फ 1-2% ज्यादा होता है। इस प्रक्रिया में डॉक्यूमेंटेशन भी कम होता है और लोन अप्रूवल जल्दी हो जाता है।
पर्सनल लोन
पर्सनल लोन अनसेक्योर्ड होते हैं यानी आपको कोई कोलेटरल नहीं देना पड़ता। इसे आप अपनी जरूरत के अनुसार मेडिकल इमरजेंसी, शादी या हॉलीडे के लिए ले सकते हैं। हालांकि पर्सनल लोन के इंटरेस्ट रेट 10% से 24% तक होते हैं जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और इनकम पर निर्भर करता है। बैंक आपकी क्रेडिट-वर्थीनेस जांचने के बाद ही लोन अप्रूव करता है जिससे प्रक्रिया थोड़ी देर लेती है। हालांकि इसमें रिपेमेंट टर्म्स ज्यादा स्ट्रिक्ट होते हैं और डिले होने पर पेनल्टीज़ लगती हैं।
रिपेमेंट और रिस्क
लोन अगेंस्ट FD में रिपेमेंट ऑप्शंस फ्लेक्सिबल होते हैं। आप इंस्टॉलमेंट या लंप सम रिपेमेंट कर सकते हैं। यदि आप रिपेमेंट नहीं करते हैं तो बैंक आपके FD से पैसे सीधे ले सकता है जिससे आपका क्रेडिट स्कोर सेफ रहता है। इसके विपरीत पर्सनल लोन में फिक्स्ड EMIs होती हैं और पेमेंट में देरी होने पर पेनल्टीज़ के साथ क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है। इसलिए अगर आपके पास FD है और शॉर्ट-टर्म पैसा चाहिए तो FD लोन बेहतर है लेकिन अगर आपको ज्यादा रकम चाहिए या FD नहीं है तो पर्सनल लोन सही विकल्प हो सकता है।
लोन अगेंस्ट फिक्स्ड डिपॉजिट
लोन अगेंस्ट FD का मतलब है कि आप अपने FD को बैंक को कोलेटरल के रूप में देकर उससे लोन ले सकते हैं। बैंक आमतौर पर FD की वैल्यू का 80% से 90% तक लोन देता है। सबसे बड़ी खासियत यह है कि FD पर इंटरेस्ट मिलना जारी रहता है भले ही आपने उसे प्लेज कर रखा हो। इस तरह का लोन पर्सनल लोन के मुकाबले बहुत सस्ता होता है क्योंकि इंटरेस्ट रेट FD की तुलना में सिर्फ 1-2% ज्यादा होता है। इस प्रक्रिया में डॉक्यूमेंटेशन भी कम होता है और लोन अप्रूवल जल्दी हो जाता है।
पर्सनल लोन
पर्सनल लोन अनसेक्योर्ड होते हैं यानी आपको कोई कोलेटरल नहीं देना पड़ता। इसे आप अपनी जरूरत के अनुसार मेडिकल इमरजेंसी, शादी या हॉलीडे के लिए ले सकते हैं। हालांकि पर्सनल लोन के इंटरेस्ट रेट 10% से 24% तक होते हैं जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और इनकम पर निर्भर करता है। बैंक आपकी क्रेडिट-वर्थीनेस जांचने के बाद ही लोन अप्रूव करता है जिससे प्रक्रिया थोड़ी देर लेती है। हालांकि इसमें रिपेमेंट टर्म्स ज्यादा स्ट्रिक्ट होते हैं और डिले होने पर पेनल्टीज़ लगती हैं।
रिपेमेंट और रिस्क
लोन अगेंस्ट FD में रिपेमेंट ऑप्शंस फ्लेक्सिबल होते हैं। आप इंस्टॉलमेंट या लंप सम रिपेमेंट कर सकते हैं। यदि आप रिपेमेंट नहीं करते हैं तो बैंक आपके FD से पैसे सीधे ले सकता है जिससे आपका क्रेडिट स्कोर सेफ रहता है। इसके विपरीत पर्सनल लोन में फिक्स्ड EMIs होती हैं और पेमेंट में देरी होने पर पेनल्टीज़ के साथ क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है। इसलिए अगर आपके पास FD है और शॉर्ट-टर्म पैसा चाहिए तो FD लोन बेहतर है लेकिन अगर आपको ज्यादा रकम चाहिए या FD नहीं है तो पर्सनल लोन सही विकल्प हो सकता है।
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