भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे महेंद्र सिंह धोनी का करियर प्रशंसनीय रहा है। एम एस धोनी का विकेटों के पीछे शांत स्वभाव और परिस्थिति को समझने की कला उन्हें हमेशा दूसरों से अलग बनाती आई है।
उन्होंने न सिर्फ़ अपने दस्तानों से कई बल्लेबाज़ों को पवेलियन लौटाया, बल्कि बल्ले से भी हर गेंदबाज़ को धूल चटाई। बतौर कप्तान, उन्होंने तीनों आईसीसी व्हाइट-बॉल ख़िताब जीते: 2007 टी20 विश्व कप, 2011 एकदिवसीय विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी। उनके नेतृत्व में ही भारत पहली बार आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में भी पहले स्थान पर पहुँचा।
माही के नाम 17,000 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय रन दर्ज़ हैं। उन्होंने कुल 90 टेस्ट, 350 एकदिवसीय और 98 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले। संन्यास के समय उनके खाते में 634 कैच और 195 स्टंपिंग शामिल थीं, जिसने उन्हें सर्वकालिक सबसे सफल विकेटकीपर-बल्लेबाज़ों में से एक बनाया।
यह रहे वे पाँच खिलाड़ी जिन्होंने महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपना डेब्यू किया था 1. एस श्रीसंतश्रीसंत ने धोनी के भारतीय दल में आने के कुछ ही महीनों बाद टेस्ट में डेब्यू किया। उनकी तेज़-तर्रार गेंदबाज़ी और गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने की कला उन्हें ख़ास बनाती थी। श्रीसंत ने भारतीय टीम के साथ 2007 और 2011 का विश्व कप भी जीता था।
हालाँकि, 2013 में राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगने के बाद उनका करियर अचानक पलट गया और बीसीसीआई ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया। सात साल का प्रतिबंध समाप्त होने के बाद, श्रीसंत ने 2020 के अंत में केरल की तरफ़ से और फिर 2021 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में वापसी की। अब, वह जियोसिनेमा के लिए कमेंटेटर के तौर पर काम कर रहे हैं।
2. दिनेश कार्तिक
तमिलनाडु के विकेटकीपर-बल्लेबाज़ दिनेश कार्तिक ने धोनी से पहले ही एकदिवसीय और टेस्ट्स में डेब्यू कर लिया था, लेकिन धोनी के आने के बाद उन्हें दूसरे विकल्प के तौर पर देखा जाने लगा। 2018 निधास ट्रॉफी फाइनल में बांग्लादेश के विरुद्ध उनकी मैच-विनिंग पारी (जिसमें उन्होंने आखिरी गेंद पर छक्का मारा) उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर का एक बेहतरीन लम्हा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, कार्तिक ने मेंटोरिंग के साथ-साथ कमेंट्री के क्षेत्रों में भी कदम रखा है। वह वर्तमान में आरसीबी के साथ कोचिंग की भूमिका में व्यस्त हैं, और एसए20 और आईएलटी20 जैसी फ्रेंचाइजी लीगों में भी खेलते दिखाई दे रहे हैं।
3. जोगिंदर शर्मा
हरियाणा के ऑलराउंडर जोगिंदर शर्मा ने अपना अंतर्राष्ट्रीय करियर एम.एस. धोनी की कप्तानी में शुरू किया, जब उन्होंने 2004 में एकदिवसीय और 2007 में टी20 अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया था। उन्हें मुख्य रूप से 2007 टी20 विश्व कप फाइनल में आखिरी ओवर डालकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने के लिए याद किया जाता है।
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, जोगिंदर शर्मा ने हरियाणा पुलिस बल में डीएसपी के पद पर अपनी सेवा शुरू की। वह वर्तमान में अपनी पुलिस ड्यूटी में सक्रिय हैं और बीच-बीच में लीजेंड्स लीग जैसे टी20 टूर्नामेंटों में भी हिस्सा लेते रहे हैं।
4. सुरेश रैना
सुरेश रैना को भारतीय क्रिकेट के सबसे आक्रामक मिडिल-ऑर्डर बल्लेबाज़ों और बेहतरीन फील्डर्स में गिना जाता है। उन्होंने 2005 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में एकदिवसीय डेब्यू किया, लेकिन धोनी के नेतृत्व में उनका करियर परवान चढ़ा। वह टी20 अंतर्राष्ट्रीय में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज़ थे।
रैना ने भारत के लिए 18 टेस्ट, 226 एकदिवसीय और 78 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले, और 2011 विश्व कप विजेता टीम के प्रमुख सदस्य थे। उन्होंने 15 अगस्त 2020 को एम.एस. धोनी के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। संन्यास के बाद, वह कमेंट्री और क्रिकेट विश्लेषण के क्षेत्र में सक्रिय हैं, और विभिन्न टी20 लीगों में भी खेलते रहे हैं।
5. वेणुगोपाल रावसुरेश रैना के साथ अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू करने के बावजूद, वेणुगोपाल राव का अंतर्राष्ट्रीय करियर सिर्फ़ 16 एकदिवसीय मैचों तक ही सीमित रहा। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ लगाई गई उनकी अजेय 61 रनों की पारी ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उनकी एकमात्र यादगार पारी रही।
राव का घरेलू रिकॉर्ड काफी बेहतर था, जहाँ उन्होंने फर्स्ट-क्लास और 50 ओवर के प्रारूप में क्रमशः 7081 और 4110 रन बनाए। आईपीएल में साधारण रिकॉर्ड के बाद, उन्हें 2025 आईपीएल सीज़न से पहले दिल्ली कैपिटल्स का क्रिकेट निदेशक नियुक्त किया गया है।
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