लॉर्ड्स टेस्ट में भारत को 22 रनों से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन अनुभवी ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने अपनी जुझारू पारी से सभी का दिल जीत लिया। 193 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए जडेजा सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे और 181 गेंदों में नाबाद 61 रन बनाए। उनकी पारी में चार चौके और एक छक्का शामिल रहा। एक समय जडेजा ने तीसरे टेस्ट में भारत की जीत की उम्मीदें जगा दी थीं। अगर मोहम्मद सिराज की किस्मत ने साथ नहीं छोड़ा होता, तो जडेजा की यह पारी क्रिकेट इतिहास की सबसे यादगार पारियों में शुमार हो सकती थी।
निचले क्रम के साथ जडेजा का संघर्षपांचवें दिन लंच के समय भारत की दूसरी पारी का स्कोर 112/8 था, और इंग्लैंड की जीत आसान लग रही थी। लेकिन 36 वर्षीय जडेजा मैदान पर अडिग रहे। उन्होंने जसप्रीत बुमराह (54 गेंदों में 5 रन) के साथ नौवें विकेट के लिए 35 रन और मोहम्मद सिराज (30 गेंदों में 4 रन) के साथ दसवें विकेट के लिए 23 रनों की साझेदारी की। जडेजा ने मौजूदा सीरीज में लगातार चौथी बार 50 से अधिक रन बनाए। पहली पारी में भी उन्होंने 131 गेंदों में 72 रन (8 चौके, 1 छक्का) का योगदान दिया था।
जडेजा ने रचा इतिहासजडेजा ने लॉर्ड्स में एक अनूठा रिकॉर्ड बनाया। वह पिछले 72 सालों में लॉर्ड्स टेस्ट की दोनों पारियों में 50 से अधिक रन बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने। उनसे पहले यह कारनामा केवल वीनू मांकड़ ने 1952 में किया था, जब उन्होंने पहली पारी में 72 और दूसरी पारी में 184 रन बनाए थे। उस मैच में भारत को 8 विकेट से हार मिली थी।
भारत की चौथी हार, इंग्लैंड की बढ़तपिछले 10 सालों में 200 से कम रनों का लक्ष्य पीछा करते हुए भारत को यह चौथी हार झेलनी पड़ी। इस हार के साथ इंग्लैंड ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त हासिल कर ली है।
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