बांग्लादेश और पाकिस्तान के विदेश सचिवों की बैठक गुरुवार को ढाका में हुई. ये बैठक नियमित होनी थी लेकिन 15 साल बाद हुई.
पाकिस्तान की विदेश सचिव आमना बलोच ने बृहस्पतिवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जशीमउद्दीन के साथ बैठक की. इस दौरान दोनों देशों ने अपने रिश्ते मज़बूत करने का वादा किया.
लेकिन ये बैठक इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 36 हजार करोड़ रुपये का मुआवज़ा और बांग्लादेश के मुक्तियुद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों के लिए माफी मांगने की मांग की.
बांग्लादेश और पाकिस्तान, दोनों देशों के मीडिया में इस बैठक को लेकर काफी कुछ कहा जा जा रहा है.
बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ करें

बांग्लादेश के प्रमुख अख़बार को छोड़ कर ज्यादातर बांग्लादेशी अख़बारों और न्यूज़ आउटलेट्स ने इसे ख़बर के तौर पर कवर किया है.
'द डेली स्टार' ने इस पर टिप्पणी करते हुए लिखा है, ''1971 से पहले पाकिस्तान की भूमिका बांग्लादेशियों के लिए एक गहरा नासूर रही है.''
अखबार लिखता है, ''ये दोनों के बीच वास्तविक और कारगर संबंध बनाने की राह में एक अड़चन है. पाकिस्तानी सेना ने कितने नागरिकों की हत्या की और बांग्लादेश ने अपनी आजादी की लड़ाई के दौरान जो दमन और क्रूरता झेली वो ऐतिहासिक रिकॉर्ड का विषय है.''
''बांग्लादेश के लिए औपचारिक माफ़ी या मुआवज़ा मांगना बदला लेना नहीं है. बल्कि ये एक ऐतिहासिक त्रासदी को स्वीकार करने और सही में एक सुलह की ओर बढ़ावा देना है. इसमें जटिलता है और इसके लिए सोच-समझ कर कदम बढ़ाना चाहिए.''
'द डेली स्टार' ने लिखा है कि दक्षिण कोरिया और चीन में युद्ध के दौरान जापान के अत्याचार पर मांगी गई माफ़ी को अक्सर नाकाफी बताया जाता है. इसलिए इस तरह की माफी मांगने की अपनी दिक्कतें भी हैं. अख़बार ने पाकिस्तान से माफ़ी की मांग को सही ठहराते हुए कहा है इस तरह की दिक्कतों के बावजूद बांग्लादेश को उससे अपने संबंधों को अच्छा बनाने की पहल करनी चाहिए.
ने लिखा है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच कनेक्टिविटी कायम करने को प्राथमिकता करार देने से ये साबित हो गया है कि दोनों देश वास्तव में संबंध सुधारना चाहते हैं.
कराची और बांग्लादेश के चटगांव के बीच डायरेक्ट शिपिंग लाइन और एयर लिंक स्थापित करने पर जोर देना एक अच्छी पहल है.
अख़बार लिखता है कि लगभग 15 साल के बाद दोनों देशों के बीच विदेश सचिव स्तर की बैठक दोनों देशों की ओर से अपने रिश्तों को दोबारा पटरी पर लाने की प्रतिबद्धता ज़ाहिर करता है.
के मुताबिक़ बांग्लादेश के विदेश सचिव जशीमउद्दीन और पाकिस्तानी विदेशी सचिव आमना बलोच की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि इसमें कश्मीर का भी मुद्दा उठा.
अख़बार लिखता है कि इसमें पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के आधार पर कश्मीर मुद्दा सुलझाने की बात कही.
वहीं दोनों देशों ने ग़ज़ा में इसराइली हमलों की निंदा की. उन्होंने फ़लस्तीनी क्षेत्रों में मानवाधिकार उल्लंघन पर भी इसराइल की निंदा की.
अख़बार ने बताया है कि दोनों ओर के विदेश सचिवों की बैठक 2026 में इस्लामाबाद में होगी.
एक और बांग्लादेश अख़बार ने विदेश सचिवों की बैठक के बाद संयुक्त बयान के अंश छापे हैं.
इनमें कहा गया है कि न्यूयॉर्क, काहिरा, समोआ और जेद्दा में दोनों देशों के अधिकारियों के हाल के उच्चस्तरीय संपर्क संतोषजनक थे. इससे द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा देने की कोशिश हुई है.
अख़बार के मुताबिक़ इस बयान के मुताबिक़ दोनों देश नियमित बातचीत और लंबित समझौतों को पूरा करने के अलावा व्यापार, कृषि और कनेक्टिविटी समझौते पर आगे बढ़ना चाहते हैं.
इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने अपने कृषि विश्वविद्यालयों में बांग्लादेश के विद्यार्थियों को पढ़ने का अवसर देने की पेशकश की.
जबकि बांग्लादेश ने मछली पालन और समुद्री अध्ययन की दिशा में पाकिस्तान को मदद की पेशकश की.
पाकिस्तान के अख़बार ने विदेश सचिव आमना बलोच के बांग्लादेश दौरे को रिपोर्ट करते हुए लिखा है कि बलोच मंगलवार को ढाका पहुंचीं.
पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच विभाजन के बाद के वर्षों में ढाका के नेता, खास कर शेख़ हसीना की अपदस्थ सरकार भारतीय खेमे में मजबूती से बने रहे.
शेख़ हसीना ने भारत के घनिष्ठ संबंध बनाए रखने और इस्लामाबाद से दूरी रखने को प्राथमिकता दी.
लेकिन अब हसीना सरकार के पतन के बाद हालात बदले हैं और पाकिस्तान और बांग्लादेश के संबंधों को मजबूती देने की कोशिश हो रही है.
अख़बार ने लिखा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने पिछले महीने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस से बात की थी और दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध बनाने की प्रतिबद्धता जताई थी.
पाकिस्तान के अख़बार ने कहा है कि 15 साल के तनावपूर्ण कूटनीतिक संबंधों के बाद आख़िरकार 17 अप्रैल को पाकिस्तान और बांग्लादेश ने विदेश सचिव स्तर पर द्विपक्षीय राजनीतिक बातचीत शुरू की.
अख़बार के मुताबिक़ विदेश सचिव स्तर की वार्ता ढाका में हुई, जो पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इसहाक डार की बांग्लादेश की अगली यात्रा से कुछ दिनों पहले हुई है.
पाकिस्तान के ही अख़बारने लिखा है,'' शेख़ हसीना के भारत चले जाने के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश के संबंध अच्छे हुए हैं. दोनों देशों के कारोबारी रिश्ते अच्छे हुए हैं. पाकिस्तान के साथ शिक्षा क्षेत्र में सहयोग को भी बढ़ावा मिला है. बांग्लादेशी छात्रों को 300 पूर्ण छात्रवृति दी जा रही है.''
हालांकि पाकिस्तान के अख़बारों में इस बात का जिक्र नहीं है कि बांग्लादेश ने पाकिस्तान से मुआवजा और बांग्लादेश युद्ध में पाकिस्तानी सेना के अत्याचार के लिए माफी की मांग की है.

विदेश सचिवों की बैठक में बांग्लादेश ने कहा था कि 1971 में जब दोनों देश एक ही थे, पाकिस्तान उस समय की संयुक्त संपत्ति से बांग्लादेश को उसके हिस्से के 4.3 अरब डॉलर (36 हजार करोड़ रुपए या 52 हजार करोड़ टका) का भुगतान करे.
इसके साथ ही उसने कहा था कि पाकिस्तान साल 1970 में आए चक्रवात के वक्त बांग्लादेश (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान) की मदद के लिए मिले 200 मिलियन डॉलर (करीब 2400 करोड़ टका) का भी भुगतान करे.
दूसरी ओर, स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान के आंकड़ों के मुताबिक़ इस महीने की चार तारीख को पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 15.75 अरब डॉलर था. यानी बांग्लादेश की मांग पूरी करने की स्थिति में पाकिस्तान को अपने विदेशी मुद्रा भंडार का एक चौथाई से ज्यादा हिस्सा खर्च करना होगा.
इसके अलावा बैठक में ढाका ने साल 1971 के मुक्तियुद्ध के दौरान पाकिस्तान के अत्याचारों के लिए औपचारिक रूप से माफी मांगने का मुद्दा भी उठाया है.
हालांकि पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से कुछ भी नहीं कहा है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां कर सकते हैं. आप हमें , , और पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
You may also like
राजौरी में जन औषधि केंद्र बना लोगों की जीवन रेखा, रोजाना 600 से ज्यादा मरीज उठा रहे लाभ
सरकार बनी परिवार : पीएम मोदी की पहल, सच हो गया सपनों का महल
उद्धव ने राज ठाकरे को शिवसेना से निकालने के लिए किया मजबूर : शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के
मुर्शिदाबाद हिंसा : भाजपा ने बंगाल सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- हिंदुओं को अपनी रक्षा करने की जरूरत
IPL 2025: RR बनाम LSG मैच के टाॅप-3 मोमेंट्स पर डालिए एक नजर