जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए चरमपंथी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है.
शनिवार को हालांकि दोनों देशों ने सीज़फ़ायर का एलान किया. लेकिन सीज़फ़ायर के कुछ ही घंटों के बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे पर सीज़फ़ायर के उल्लंघन के आरोप भी लगाए.
विदेशी मीडिया में दोनों देशों के बीच हुए सीज़फ़ायर और उसके उल्लंघन की चर्चा है.
दुनिया भर के जाने-माने अख़बारों और न्यूज़ आउटलेट्स में भारत और पाकिस्तान को लेकर लेख छपे हैं.
अमेरिकी मीडिया में कैसी चर्चा?न्यूयॉर्क टाइम्स ने है, "चार दिनों तक चले ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं."
"लेकिन कुछ घंटों के बाद ही सीमा पर गोलाबारी जारी रहने की ख़बरें आईं."
न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा, "राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया पर संघर्ष विराम की घोषणा की और कहा कि इसमें अमेरिका की मध्यस्थता थी. भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों ने संघर्ष विराम की पुष्टि की. हालांकि केवल पाकिस्तान ने ही अमेरिकी भूमिका को स्वीकार किया."
वॉशिंगटन पोस्ट ने , "सीज़फ़ायर दोनों देशों के बीच हो रही झड़पों को रोकने का प्रयास है. इसकी शुरुआत बुधवार को हुई थी जब भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर पर हवाई हमले शुरू कर दिए थे."
"भारत ने इसे पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले की जवाबी कार्रवाई बताया था. अगले तीन दिनों तक दोनों देशों ने एक-दूसरे के ख़िलाफ़ हमले जारी रखे."
ब्रिटेन के मीडिया ने क्या कहा?
फ़ाइनेंशियल टाइम्स ने , "भारत और पाकिस्तान के बीच 2016 और 2019 में हुई हालिया झड़पें कश्मीर सहित सीमावर्ती क्षेत्रों तक ही सीमित थीं."
"लेकिन इस बार दोनों देशों के बीच ज़्यादा गहरा संघर्ष देखने को मिला. दोनों देशों ने एक-दूसरे के हवाई ठिकानों को निशाना बनाया. ड्रोन दागे गए."
टेलीग्राफ ने , "भारत और पाकिस्तान युद्ध के क़रीब पहुंच गए थे."
"पिछली बार दोनों पड़ोसियों के बीच इस तरह के हमले तब हुए थे जब 1971 में युद्ध हुआ था. ये युद्ध स्वतंत्र बांग्लादेश के बनने के साथ समाप्त हुआ था."
टेलीग्राफ ने लिखा, "भारत ने तीन पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को निशाना बनाया. वहीं पाकिस्तानी जेट विमानों ने तुरंत उड़ान भरी और सीमा पार भारतीय ठिकानों पर जवाबी हमला किया."
"आज और 1971 के बीच मुख्य अंतर यह है कि तब दोनों पक्षों के पास परमाणु हथियार नहीं थे. लेकिन आज हैं."
अरब न्यूज़ डॉट कॉम ने , "भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे पर सीज़फ़ायर के उल्लंघन के आरोप लगाए हैं. ये आरोप अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दोनों देशों के बीच हुए सीज़फ़ायर के एलान के कुछ घंटों के बाद ही लगाए गए."
"शनिवार को दोनों देशों ने चार दिन तक चले ड्रोन, मिसाइल और जेट फ़ाइटर हमलों के बाद सीज़फ़ायर पर सहमति जताई थी. इन हमलों में कम से कम 60 लोग मारे गए थे और सीमा पर लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े. हैरान करने वाली बात थी कि सीज़फ़ायर का एलान डोनाल्ड ट्रंप ने किया."
खलीज टाइम्स ने , "दुबई में रहने वाले फ़ाइनेंस प्रोफे़शन सिद्धार्थ गुप्ता का कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीज़फ़ायर की ख़बर से उनके दिल का बोझ हल्का हो गया है. सिद्धार्थ ने उम्मीद जताई कि अब तनाव बढ़ने का डर दूर हो जाएगा."
"पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में रहने वाले मंज़ूर ख़ान कहते हैं कि उन्हें और उनके परिवार को अब गोलाबरी की आवाज़ें नहीं सुननी पड़ेंगी."
सऊदी गजेट डॉट कॉम ने , "सऊदी अरब ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव को कम करने के लिए अपने कूटनीतिक प्रयासों को तेज़ किया."
"विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने शनिवार को भारतीय विदेश मंत्री डॉ जयशंकर और पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इसहाक़ डार के साथ अलग-अलग फ़ोन कॉल की."
बांग्लादेश और श्रीलंका के मीडिया ने क्या कहा?बांग्लादेश के अंग्रेज़ी अख़बार द डेली स्टार ने , "बीते तीन दशकों में दोनों दक्षिण एशियाई देशों के बीच यह सबसे भीषण लड़ाई थी. इससे व्यापक पैमाने पर युद्ध छिड़ने का ख़तरा था."
"इस लड़ाई से परमाणु हमले का ख़तरा पैदा हो गया था क्योंकि पाकिस्तानी सेना ने कहा था कि उनकी परमाणु हथियार वाली टॉप बॉडी की मीटिंग होगी."
द डेली स्टार ने एक और खबर में , "मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के सीज़फ़ायर समझौते पर पहुंचने की सराहना की."
"मोहम्मद यूनुस ने भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता निभाने के लिए डोनाल्ड ट्रंप का शुक्रिया अदा किया."
वहीं नेपाल के अख़बार काठमांडू पोस्ट ने , "साउथ एशिया सेंटर की अटलांटिक काउंसिल के फेलो शुजा नावाज़ कहते हैं कि अब आगे आने वाले दिनों में सिंधु संधि को लेकर प्रमुखता से बात होगी. इससे दोनों देशों की सरकारों को जो कुछ हासिल हुआ है उसका श्रेय लेने का मौका मिल जाएगा."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित