कनाडा की ज़मीन पर पिछले साल खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर बढ़े विवाद के बीच भारत और कनाडा एक बार फिर से आमने-सामने हैं.
इस बार कनाडा ने भारत के उच्चायुक्त संजय वर्मा समेत अन्य राजनयिकों का नाम निज्जर की हत्या के मामले से जोड़ा है.
भारत ने कनाडा के आरोपों को सिरे से ख़ारिज कर दिया और दिल्ली स्थित उसके मिशन से छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया.
भारत ने कहा कि उसने कनाडा स्थित अपने मिशन के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा समेत अन्य राजनयिकों को वापस आने के लिए कहा है जबकि कनाडा का कहना है कि उसने भारत के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि कनाडा में भारतीय उच्चायोग और अन्य राजनयिकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है.
BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए करेंदोनों देशों के बीच पैदा हुए तनाव के बीच एक नाम सुर्खियों में बना हुआ है. वो हैं कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय वर्मा.
भारत ने जिन छह राजनयिकों को कनाडा से वापस बुलाया है, उनमें कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय वर्मा भी हैं.
भारत के विदेश मंत्रालय का कहना है कि उच्चायुक्त संजय वर्मा भारत के वरिष्ठ डिप्लोमैट हैं, जिनका करियर 36 सालों का है.
वहीं कनाडा का कहना है कि भारत ने राजनयिकों को मिली डिप्लोमैटिक इम्युनिटी हटाने और जांच में सहयोग करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उन्हें निष्कासित करने का फ़ैसला किया गया.
संजय वर्मा कौन हैं? @HCI_Ottawa संजय वर्मा 1988 बैच के आईएफएस अधिकारी हैंके मुताबिक साल 1965 में जन्मे संजय वर्मा ने पटना यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन पूरा किया. इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए आईआईटी दिल्ली आ गए.
यहाँ से उन्होंने फिजिक्स में पोस्ट ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल की. साल 1988 में उनका चयन भारतीय विदेश सेवा में हुआ.
संजय वर्मा के तीन दशकों से अधिक के राजनयिक सफ़र की शुरुआत हॉन्ग कॉन्ग स्थित भारतीय उच्चायोग से हुई. इसके बाद उन्होंने चीन, वियतनाम और तुर्की स्थित भारतीय दूतावास में काम किया.
इटली में भारत के काउंसलर जनरल रहने से पहले वह सूडान में भारत के राजदूत थे.
BBC भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित किया हैसूडान से भारत लौटने के बाद केंद्र सरकार ने उन्हें विदेश मंत्रालय में पहले संयुक्त सचिव और फिर अतिरिक्त सचिव बनाया.
इसके बाद मई 2019 में वह जापान में भारत के राजदूत बने और वहाँ अक्टूबर 2022 तक रहे.
जापान के बाद वर्मा कनाडा में भारत के उच्चायुक्त के रूप में नियुक्त किए गए.
बंगाली भाषा बोलने के साथ-साथ हिन्दी, अंग्रेज़ी और चीनी भाषा पर संजय वर्मा की अच्छी पकड़ है.
उन्होंने गुंजन वर्मा से शादी की है, जिनसे एक बेटा और बेटी हैं.
जून, 2024 में कनाडा की एक संसदीय समिति की रिपोर्ट में चीन के बाद भारत को कनाडा के लोकतंत्र के लिए दूसरा सबसे बड़ा विदेशी ख़तरा बताया गया था.
नेशनल सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस कमिटी ऑफ पार्लियामेंटेरियन रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि भारत का कनाडा में हस्तक्षेप धीरे-धीरे बढ़ा है.
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि भारत कनाडा के नेताओं, मीडिया और इंडो-कनाडाई सांस्कृतिक समुदायों को निशाना बना रहा है.
उस वक़्त से बात करते हुए कनाडा में भारत के राजदूत संजय कुमार ने इस रिपोर्ट को खारिज़ किया था.
उनका कहना था कि भारत को निष्पक्ष सुनवाई का मौक़ा नहीं दिया गया और गवाहों को क्रॉस एग्जामिन भी नहीं करने दिया गया.
वर्मा ने तब कहा था, “यह (रिपोर्ट) भारत विरोधी तत्वों से प्रभावित है…आपको सबूतों के साथ सामने आना होगा, लेकिन मुझे ऐसा कुछ दिखाई नहीं देता.”
उनका कहना था कि यह सब राजनीति से प्रेरित है और कनाडा की संस्थाएं दोनों देशों के बीच संबंधों को नुक़सान पहुंचाना चाहती हैं.
रॉयटर्स से बात करते हुए वर्मा ने कहा था, “कनाडा ने खालिस्तानी आतंकवादियों को राजनीतिक तौर पर बहुत जगह दी हुई है और इसलिए मुझे लगता है कि उन्होंने अपने प्रतिनिधियों के ज़रिए इस पूरी प्रक्रिया को प्रभावित किया होगा.”
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