Next Story
Newszop

RPSC ने असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा 2024 के जारी किए मॉडल आंसर, वीडियो में जानें कब तक कर सकेंगे आपत्ति दर्ज

Send Push

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने असिस्टेंट प्रोफेसर प्रतियोगी परीक्षा 2024 के लिए 14 विषयों की मॉडल आंसर अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दी हैं। यह जानकारी आयोग के मुख्य परीक्षा नियंत्रक आशुतोष गुप्ता ने दी।

मुख्य परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा का आयोजन 3 और 4 जुलाई 2025 को किया गया था। परीक्षा में विभिन्न विषयों के उम्मीदवारों ने भाग लिया और अब आयोग ने परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के संदर्भ में मॉडल आंसर उपलब्ध करवा दिए हैं। उम्मीदवारों के लिए यह मॉडल आंसर उनके उत्तरों की तुलना करने और परीक्षा परिणाम की संभावित स्थिति का आकलन करने में सहायक साबित होगा।

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी भी अभ्यर्थी को मॉडल आंसर में किसी उत्तर को लेकर आपत्ति है, तो वे निर्धारित शुल्क के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आपत्ति दर्ज कराने की प्रक्रिया 10 सितंबर 2025 से 12 सितंबर 2025 तक खुली रहेगी और आवेदन अंतिम रूप से रात 12 बजे तक दर्ज कराना आवश्यक है।

आयोग ने उम्मीदवारों से अनुरोध किया है कि वे आपत्ति दर्ज कराने से पहले मॉडल आंसर और प्रश्न पत्र को ध्यानपूर्वक पढ़ लें और सुनिश्चित करें कि उनकी आपत्ति सही एवं प्रमाणिक आधार पर हो। किसी भी अनावश्यक आपत्ति को अस्वीकार किया जा सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि आयोग द्वारा मॉडल आंसर जारी करना पारदर्शिता और उम्मीदवारों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे अभ्यर्थियों को न केवल अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन करने का अवसर मिलता है, बल्कि आयोग द्वारा परीक्षाओं में निष्पक्षता और मानक बनाए रखने की प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित होती है।

उम्मीदवारों को सलाह दी जा रही है कि वे आयोग की वेबसाइट पर जाकर सभी आवश्यक दस्तावेज और सूचना ध्यानपूर्वक देखें और निर्धारित समय सीमा के भीतर ही आपत्ति दर्ज करवाएं। निर्धारित शुल्क का भुगतान ऑनलाइन मोड के माध्यम से करना होगा।

इस कदम से परीक्षार्थियों में विश्वास बढ़ेगा और उन्हें आगामी परिणामों की प्रक्रिया में भागीदारी का अहसास होगा। आयोग ने यह भी कहा कि आपत्ति प्रक्रिया के बाद अंतिम उत्तर कुंजी जारी की जाएगी, जिसे परीक्षा परिणाम घोषित करने के समय आधार माना जाएगा। राजस्थान लोक सेवा आयोग की यह पहल अभ्यर्थियों के अधिकारों की रक्षा, परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अहम मानी जा रही है।

Loving Newspoint? Download the app now