राजस्थान के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति को लेकर लंबे समय से शिकायतें उठती रही हैं। इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य करने के आदेश जारी किए हैं। इस आदेश के बाद स्कूलों के टीचिंग स्टाफ को अपने मोबाइल पर यह ऐप अपलोड करने को कहा गया है। जिसमें उपस्थित विद्यार्थियों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की जाएगी। इसके अतिरिक्त अनुपस्थित छात्रों की भी पहचान की जाएगी। इस उपस्थिति ऐप में विद्यार्थियों को तीन विकल्प दिए जाते हैं जिनमें बीमारी, स्वीकृत अवकाश या अकारण अनुपस्थिति शामिल हैं।
इसे पहले ही कई स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जा चुका है।
शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने इस ऐप के संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। फरवरी की शुरुआत में, इस योजना को पहले और दूसरे चरण में 134 विवेकानंद मॉडल स्कूलों और 205 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पायलट परियोजना के रूप में शुरू किया गया था। सही परिणाम मिलने के बाद इसे सभी सरकारी स्कूलों में लागू कर दिया गया है।
प्रार्थना सभा में भाग लेते शिक्षक
जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि स्कूल में प्रार्थना सभा के दौरान विद्यार्थियों की उपस्थिति एप के माध्यम से ली जाएगी। और केवल अनुपस्थित छात्रों को ही चिन्हित किया जाएगा। जो सीधे स्कूल मिरर पोर्टल पर उपलब्ध कराये जायेंगे। ताकि जरूरत पड़ने पर स्कूल को यह डेटा मिल सके। इस ऐप के माध्यम से विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज करने से धोखाधड़ी पर रोक लगेगी तथा स्कूलों में उपस्थिति की सच्चाई भी सामने आएगी।
छात्रों की उपस्थिति प्रतिदिन दर्ज की जाएगी।
इसके लिए शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रिंसिपल को जिम्मेदारी सौंपी है। जिसमें वे सभी स्टाफ सदस्यों के मोबाइल फोन पर ऐप डाउनलोड व इंस्टॉल करवाएं तथा इसके माध्यम से प्रतिदिन विद्यार्थियों की उपस्थिति भी दर्ज करवाना सुनिश्चित करें। प्रत्येक कक्षा अध्यापक की शालादर्पण पोर्टल पर मैपिंग सुनिश्चित करना भी संस्था प्रधान का कर्तव्य होगा। कक्षा अध्यापक के अनुपस्थित रहने की स्थिति में संबंधित कक्षा के विद्यार्थियों की उपस्थिति संस्था प्रधान के लॉगिन से उपलब्ध मॉड्यूल में दर्ज करनी होगी। और ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।