Next Story
Newszop

गोरम घाट से लेकर पार्श्वनाथ मंदिर तक! कुम्भलगढ़ ट्रिप में मिस न करें ये शानदार डेस्टिनेशन, वीडियो में देखे पूरी लिस्ट

Send Push

राजस्थान का राजसमन्द ज़िला इतिहास, प्रकृति और संस्कृति का अनोखा संगम है। इस ज़िले का सबसे प्रमुख पर्यटन स्थल है कुम्भलगढ़ का किला, जो न केवल अपनी ऐतिहासिक महत्ता के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके आसपास स्थित प्राकृतिक सौंदर्य और रहस्यमयी जगहें भी सैलानियों को बेहद आकर्षित करती हैं। इस लेख में हम राजसमन्द के कुछ खास और कम प्रसिद्ध लेकिन बेहद खूबसूरत दर्शनीय स्थलों की जानकारी देंगे, जिनमें गोरम घाट, गणेश टेकरी, मचिन्द, पार्श्वनाथ मंदिर, और कुम्भलगढ़ वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी प्रमुख हैं। यदि आप इतिहास प्रेमी, प्रकृति प्रेमी या एडवेंचर ट्रैवलर हैं, तो ये स्थल आपके लिए किसी खजाने से कम नहीं।

1. कुम्भलगढ़ किला: महाराणा प्रताप की जन्मभूमि

राजसमन्द जिले की अरावली पर्वतमाला में बसा कुम्भलगढ़ किला न केवल स्थापत्य का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि यह UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट में भी शामिल है। यह किला मेवाड़ रियासत की रणनीतिक सुरक्षा के लिए बनवाया गया था। इसकी दीवार चीन की ग्रेट वॉल के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार मानी जाती है, जिसकी लंबाई लगभग 36 किलोमीटर है। किले से सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य बेहद मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है।

2. गोरम घाट: राजस्थान का छोटा कश्मीर

यदि आप किसी प्राकृतिक और शांत स्थान की तलाश में हैं, तो गोरम घाट आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है। राजसमन्द से लगभग 50 किमी दूर स्थित यह घाट अरावली की हरियाली और घाटियों से घिरा हुआ है। यहां से गुजरती मीटर गेज की ट्रेन का सफर अपने आप में एक एडवेंचर है। ट्रेन सुरंगों और पुलों से होकर निकलती है और रास्ते में नजारे इतने सुंदर होते हैं कि मन मोह लेते हैं।
गोरम घाट को "राजस्थान का कश्मीर" भी कहा जाता है। मानसून में यहां का सौंदर्य कई गुना बढ़ जाता है, जब झरने बहते हैं और हरियाली अपनी चरम सीमा पर होती है।

3. गणेश टेकरी: धार्मिक और आध्यात्मिक आकर्षण

कुम्भलगढ़ के पास स्थित गणेश टेकरी एक ऊँचाई पर बना मंदिर है, जहाँ से घाटियों और किले का विहंगम दृश्य दिखता है। यहां की शांति और पवन की सिहरन आपको अध्यात्म की अनुभूति कराएगी। यहाँ भक्तगण गणेश जी के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आते हैं।

4. मचिन्द और पार्श्वनाथ मंदिर: जैन और वैष्णव आस्था का केन्द्र

कुम्भलगढ़ के आसपास मचिन्द नामक गाँव है, जो अपने प्राचीन जैन मंदिरों और मूर्तिकला के लिए प्रसिद्ध है। यहां स्थित पार्श्वनाथ जैन मंदिर स्थापत्य कला का एक अनुपम उदाहरण है। सफेद संगमरमर से बनीं जटिल नक्काशी और शांत वातावरण इस मंदिर को ध्यान और आत्मिक शांति के लिए आदर्श बनाता है। यह स्थल धार्मिक ही नहीं, स्थापत्य प्रेमियों के लिए भी खास है।

5. कुम्भलगढ़ वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी: रोमांच और प्रकृति का संगम

अगर आप वन्य जीवन और ट्रैकिंग के शौकीन हैं, तो कुम्भलगढ़ वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी को अपनी ट्रिप में जरूर शामिल करें। यह राजस्थान की दूसरी सबसे बड़ी वन्यजीव अभ्यारण्य है। यहाँ भालू, चीतल, सियार, तेंदुआ, और दुर्लभ पक्षियों की प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं। जंगल सफारी और जीप सफारी का अनुभव रोमांच से भरपूर होता है।

6. राजसमन्द झील: इतिहास और सौंदर्य का संगम

राजसमन्द शहर में स्थित यह झील महाराणा राज सिंह द्वारा 17वीं सदी में बनवाई गई थी। यह झील न केवल स्थानीय जल स्रोत रही है, बल्कि इसकी पाल (किनारा) पर बनी राज प्रशस्ति – जो की विश्व की सबसे लंबी शिलालेख मानी जाती है – इतिहास प्रेमियों को आकर्षित करती है। सूर्यास्त के समय यह झील सोने जैसे रंग में चमकती है।

Loving Newspoint? Download the app now