राजस्थान के सबसे ऊंचे गांव उतरज ने इतिहास रच दिया है। समुद्र तल से 1400 मीटर (4500 फीट) की ऊंचाई पर स्थित इस गांव में पहली बार ट्रैक्टर पहुंचा है। वह भी सड़क या ट्रक से नहीं, बल्कि गांव वालों ने ट्रैक्टर के एक-एक पार्ट को अपने कंधों पर उठाकर 3 किलोमीटर लंबी कठिन पहाड़ी चढ़ाई पार कर लाया। माउंट आबू से करीब 20 किलोमीटर दूर उतरज गांव घने जंगलों और पथरीले रास्तों से घिरा हुआ है। यहां न तो पक्की सड़क है और न ही अब तक कोई वाहन पहुंचा है। लेकिन गांव के 60 परिवारों ने मिलकर 7 लाख रुपये में ट्रैक्टर खरीदा और तय किया कि अब खेती मशीन से ही होगी। ट्रैक्टर को आबू रोड स्थित शोरूम से खरीदा गया और उसके पार्ट्स को दो ट्रैक्टरों में भरकर गुरुशिखर लाया गया। वहां से लोग पार्ट्स को कंधों पर लादकर एक खास बांस के फ्रेम में बांधकर गांव लाए और फिर वहीं असेंबल किया।
ट्रैक्टर पहुंचने पर गांव में जश्न का माहौल
उतरज में ट्रैक्टर पहुंचने पर पूरे गांव में जश्न का माहौल रहा। ढोल-नगाड़ों के साथ मुहूर्त हुआ, प्रसाद बांटा गया और लोग जयकारे लगाते नजर आए। ग्रामीणों ने बताया कि ट्रैक्टर आने से गांव में करीब 400 बीघा जमीन पर गेहूं, जौ, मटर, आलू, गोभी और पहली बार लहसुन जैसी फसलें उगाई जाएंगी। इससे चारा भी बचेगा और लोगों को जंगल में जानवरों से भी खतरा नहीं रहेगा। ग्रामीणों ने ट्रैक्टर के लिए डेढ़ लाख रुपए नकद दिए, बाकी लोन पर लिया है। फिलहाल गांव में कोई भी ट्रैक्टर चलाना नहीं जानता। लेकिन पास के कचोली गांव से एक युवक को बुलाया गया है, जो ट्रैक्टर चलाना सिखाएगा।
शोरूम की टीम गांव में ही करेगी सर्विसिंग
ट्रैक्टर के इंजन समेत सभी पार्ट्स का वजन करीब 1000 किलो था। जब ट्रैक्टर 200 किमी चल जाएगा, उसके बाद शोरूम की टीम उतरज आकर गांव में ही इसकी सर्विस करेगी। डीजल लाने के लिए 200 लीटर का ड्रम अभी भी नीचे से पैदल ही लाया जाएगा।
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