नवलगढ़, गोठड़ा व गुढ़ा थाना क्षेत्र में सामने आए फर्जी रजिस्ट्री के मामलों ने साबित कर दिया है कि जमीनों की बढ़ती कीमतों के बीच भू-माफिया अब सुनियोजित तरीके से संगठित अपराध कर रहे हैं। पुलिस ने इन मामलों में गहन जांच कर कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है, कुछ अभी भी वांछित हैं। एएसपी राजवीर सिंह के अनुसार भू-माफियाओं ने सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर फर्जी आधार, फर्जी पहचान व झूठे गवाहों के सहारे करोड़ों की जमीन हड़पने की साजिश रची। इनमें से कई मामलों में रजिस्ट्री कार्यालय कार्मिकों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। एएसपी राजवीर सिंह ने बताया कि पुलिस इन संगठित अपराधों के पीछे की पूरी चेन को उजागर करने में लगी हुई है। जिन मामलों में अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है, उनमें जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।
केस-1: नवलगढ़ में 7 बीघा जमीन की फर्जी रजिस्ट्री
सेठवाली ढाणी के वार्ड नंबर 1 में स्थित करीब 7 बीघा जमीन की फर्जी विक्रय पत्र का सत्यापन 3 जनवरी 2025 को नवलगढ़ उप पंजीयक कार्यालय में किया गया। विक्रय पत्र में विक्रेता के पहचान दस्तावेज के रूप में हनुमान सिंह पुत्र दल सिंह निवासी नवलगढ़ के नाम से फर्जी निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया तथा उप पंजीयक कार्यालय में फर्जी व्यक्ति प्रस्तुत कर विक्रय पत्र का सत्यापन मालम सिंह पुत्र खींव सिंह निवासी ढाणी भोमपुरा जिला चूरू के नाम से किया गया। मामला पुलिस तक पहुंचा तो जांच में पाया गया कि क्रेता मालम सिंह पुत्र खींव सिंह निवासी ढाणी भोमपुरा जिला चूरू, रोहिताश पुत्र जगदीश प्रसाद निवासी मोहनवाड़ी तहसील नवलगढ़ जिला झुंझुनूं, करण सिंह निवासी नागौर जिला हाल निवासी गोल्याणा तहसील नवलगढ़ जिला झुंझुनूं, अधिवक्ता अनुराग सोनी पुत्र अशोक सोनी निवासी नवलगढ़, गवाह अशोक पुत्र रामकुमार सिंह निवासी बिरोल व विनोद पुत्र नवरंगलाल निवासी नवलगढ़ तथा उप पंजीयक कार्यालय नवलगढ़ के कर्मचारी दोषी पाए गए।
केस-2: गोठड़ा में अधिग्रहण क्षेत्र की 5 बीघा जमीन का फर्जी सौदा
गोठड़ा थाना क्षेत्र में श्री सीमेंट अधिग्रहण क्षेत्र की करीब 6 बीघा जमीन में से 5 बीघा जमीन फर्जी दस्तावेजों से 13 मार्च 2024 को बेच दी गई। यह जमीन 1956 में जोरसिंह, जैतसिंह पुत्रगण वीरतसिंह के नाम दर्ज थी। लेकिन गलती के कारण राजस्व रिकॉर्ड में 1971 में धुकल, भागीरथ पुत्रगण मंशा महाजन निवासी गोठड़ा के नाम दर्ज हो गई। धुकल ने इस जमीन के आधे हिस्से का विक्रय पत्र आपसी सहमति से 1999 में वास्तविक वारिस देवीसिंह पुत्र हरिसिंह के नाम करवा लिया। लेकिन आधे हिस्से की करीब 5 बीघा जमीन का रिकॉर्ड आज तक भागीरथ के नाम पर ही है। जबकि गोठड़ा में भागीरथ पुत्र मंशा महाजन नाम के किसी व्यक्ति का जन्म ही नहीं हुआ। इसका फायदा उठाकर भूमाफियाओं ने कोलकाता से फर्जी भागीरथ को बुलाकर नवलगढ़ उप पंजीयक कार्यालय में पेश किया और दादकी पत्नी भानाराम यादव के नाम से फर्जी विक्रय पत्र बनवा लिया। मामला पुलिस तक पहुंचा तो जांच के बाद फर्जी भागीरथ सूरज कुमार कलावतिया पुत्र नंदकिशोर ब्राह्मण निवासी कोलकाता और प्रदीप गोयनका पुत्र चिरंजीलाल गोयनका निवासी हावड़ा को गिरफ्तार किया गया। एएसपी राजवीर सिंह ने बताया कि सूरज कुमार ने अपने असली आधार कार्ड में अपना और अपने पिता का नाम एडिट कर रखा था। लेकिन आधार कार्ड नंबर ट्रेस करने के बाद पुलिस अपराधी तक पहुंचने में कामयाब हो गई।
केस-3: गुढ़ा क्षेत्र में 50 बीघा जमीन हड़पने के लिए पेश की गई 'फर्जी रामप्यारी'
भोड़की गांव में 10.09 हेक्टेयर जमीन में से आधी जमीन की रजिस्ट्री 12 जून 2020 को 'फर्जी रामप्यारी' के नाम कर दी गई। फर्जी महिला ने अपना आधार कार्ड दिखाकर खुद को बनवारीलाल की पत्नी बताया, जबकि असली रामप्यारी 55 साल पहले गांव छोड़कर चली गई थी और तोलियासर में दोबारा शादी करने के बाद अब उसकी उम्र 78 साल हो चुकी है।
मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच की तो पता चला कि असली रामप्यारी के अंगूठे के निशान मेल नहीं खा रहे थे और आधार कार्ड नंबर का रिकॉर्ड भी नहीं मिला। असली और नकली रामप्यारी की उम्र में 23 साल का अंतर था। जांच में पुलिस ने जमीन खरीदने वाले प्रमोद कुमार और नरेश कुमार, विक्रेता नकली रामप्यारी, गवाह मनीष कुमावत, रणजीत गुर्जर को आरोपी बनाया। साथ ही पूछताछ में जमीन खरीदने वाले नरेश कुमार ने बताया कि राजमनीष पुत्र पृथ्वीराम मेघवाल निवासी टोडी, गणेश गुप्ता पुत्र सागरमल गुप्ता निवासी भोड़की और श्रीराम पुत्र रामेश्वर मेघवाल निवासी भोड़की ने यह सौदा 50 लाख में तय किया था। लेकिन आज तक पुलिस को रजिस्ट्री करवाने वाली नकली रामप्यारी नहीं मिली है। पुलिस ने महिला की तलाश के लिए इश्तेहार जारी कर दिया है।
You may also like
लालू यादव को आरजेडी अध्यक्ष बनाकर तेजस्वी के 'ताज' पाने की राह होगी आसान?
29 June 2025 Rashifal: रविवार को इन जातकों की आय में होगा इजाफा, इनकी भी चमकेगी किस्मत
अवैध खनन के विरुद्ध डीएम सख्त, 8 स्टोन क्रेशर सीज, ई रवन्ना पोर्टल को बंद किया
इटावा मामले में साक्षी महाराज का सवाल, कथावाचकों ने क्यों छुपाई पहचान?
आईपीएस पराग जैन को 'रॉ' का नया प्रमुख नियुक्त किया गया, रवि सिन्हा की जगह लेंगे