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जूतमपैजार का अखाड़ा बन गया महाराष्ट्र का विधानभवन

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मुंबई। सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी राकांपा (पवार) के दो विधायकों के समर्थकों के बीच विधानभवन परिसर में मारपीट होने से आज विधानभवन अखाड़े का रूप लेता दिखाई दिया। एक दिन पहले ही उक्त दोनों विधायकों के बीच विधान भवन के बाहर कार से उतरते हुए तीखी बहस हुई थी।

गुरुवार को राकांपा (शरदचंद्र पवार) के विधायक जीतेंद्र अह्वाड एवं भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर के समर्थकों के बीच विधान भवन परिसर में ही हाथापाई शुरू हो गई और यह मारपीट कुछ देर तक चलती रही। कुछ देर बाद वहां मौजूद लोगों ने दोनों समूहों को अलग किया। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए पडलकर ने कहा कि मुझे इस घटना के बारे में कुछ नहीं पता। आप उनसे (आह्वाड से) पूछ सकते हैं, वह सदन में बैठे हैं। मैं इसमें शामिल किसी व्यक्ति को नहीं जानता।

चंद्रशेखर बावनकुले से मुलाकात की

इसके बाद भाजपा विधायक ने वरिष्ठ मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से मुलाकात की और घटना पर खेद जताया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह घटना विधानमंडल की गरिमा के अनुकूल नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद अध्यक्ष को इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों का आना और विधान भवन में यह दृश्य पैदा होना गंभीर मामला है।

पूर्व मंत्री आह्वाड ने विधानमंडल परिसर के भीतर सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अगर विधायक विधान भवन के अंदर भी सुरक्षित नहीं हैं, तो जनप्रतिनिधि होने का क्या मतलब है? हमारा अपराध क्या है? मैं तो बस ताजी हवा लेने के लिए बाहर निकला था। मुझे लगता है कि वे मुझ पर हमला करने आए थे। बता दें कि यह घटना बुधवार को विधान भवन के प्रवेश द्वार पर आह्वाड और पडलकर के बीच हुई बहस के बाद हुई है। एक वायरल वीडियो में दोनों के बीच तीखी नोकझोंक होती दिख रही है।

पवार और सुप्रिया सुले के मुखर आलोचक रहे हैं

बुधवार की घटना के बाद ठाणे के मुंब्रा-कलवा से विधायक आह्वाड ने दावा किया था कि पडलकर ने कार से उतरते ही जानबूझकर उसका दरवाज़ा जोर से बंद कर दिया, जिससे कार उनसे टकरा गई। बता दें कि सांगली जिले की जट सीट से विधायक पडलकर राकांपा (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार और सांसद सुप्रिया सुले के मुखर आलोचक रहे हैं। उनकी टिप्पणियों का जवाब अक्सर शरद पवार की पार्टी के नेता देते रहते हैं।

इस घटना के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमलावरों को पास जारी करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। ठाकरे ने कहा कि गुंडागर्दी विधान भवन तक पहुंच गई है। विधान भवन परिसर में कड़ी सुरक्षा के बावजूद यह हुआ। शिवसेना (यूबीटी) के एमएलसी अनिल परब ने विधान परिषद में भी इस घटना का मुद्दा उठाया।

विधानसभा सदस्यों ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर विधानमंडल परिसर में अत्यधिक भीड़भाड़ पर चिंता व्यक्त की। सांस्कृतिक मामलों के मंत्री आशीष शेलार ने विधानमंडल पास जारी करने की जांच की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि उन्होंने घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और उचित कार्रवाई की जाएगी। एक अधिकारी ने बताया कि विधान भवन के सुरक्षा कर्मचारियों ने इस झड़प के सिलसिले में दो लोगों को हिरासत में लिया है।

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