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MNS के 'दीपोत्सव' में एक बार फिर साथ नज़र आया ठाकरे परिवार;

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मुंबई। महाराष्ट्र में उद्धव और राज ठाकरे जब से साथ आए हैं तब से दोनों कई बार एक साथ अलग-अलग मंच पर नजर आ चुके हैं। इस बार दोनों भाई छत्रपती शिवाजी महाराज मैदान में एक साथ नजर आए।
दरअसल, दादर स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज मैदान में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की ओर से हर साल की तरह इस साल भी शुक्रवार, (17 अक्टूबर) को ‘शिवाजी पार्क दीपोत्सव 2025’ समारोह का भव्य आयोजन किया गया था।
मनसे प्रमुख राज ठाकरे का इस बार का दीपोत्सव कार्यक्रम सबसे खास रहा है। यह दीपोत्सव राजनीति से ऊपर उठकर भाईचारे का संदेश देने वाला रहा है। राज ठाकरे के आमंत्रण पर पहली बार उनके भाई और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे इस कार्यक्रम में पहुंचे और उनके हाथों से ‘दीपोत्सव कार्यक्रम’ का उद्घाटन किया गया।

एकता का प्रतीक बना दीपोत्सव!
इस समारोह में उद्धव ठाकरे के साथ उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे और पुत्र आदित्य ठाकरे भी मौजूद रहे। दोनों परिवारों ने मिलकर दीप प्रज्वलन किया, जिससे माहौल में एकता और सौहार्द्र की नई रोशनी फैल गई। वहीं, मंच पर उद्धव और राज ठाकरे का एक साथ होना एक बार फिर से राज्य की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया। दोनों भाइयों के साथ आने के बाद से महाराष्ट्र में भाजपा और अन्य दलों के भी होश उड़े हुए हैं। विरोधियों को ठाकरे परिवार का साथ आना हजम नहीं हो रहा है।

महाराष्ट्र के लिए सौहार्द्र का संदेश
इस मौके पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि ‘दीपोत्सव’ केवल रोशनी का नहीं, बल्कि एकता और संस्कार का पर्व है। उद्धवजी और उनका परिवार आज हमारे बीच हैं। यह पूरे महाराष्ट्र के लिए सौहार्द्र का संदेश है। इस दौरान पूरा मैदान दीपों की रौशनी में नहाया हुआ था। हजारों दीयों की झिलमिलाहट के बीच मराठी लोकसंगीत, लेझीम और पारंपरिक नृत्यों की धुनों ने कार्यक्रम को सांस्कृतिक रंग दिया। उपस्थित लोगों ने इस ऐतिहासिक पल को अपने कैमरों में कैद किया।

नई शुरुआत का प्रतीक बना दीपोत्सव!
यहां बताते चले कि राज और उद्धव ठाकरे लंबे समय से अलग-अलग राजनीतिक राहों पर हैं, लेकिन दीपोत्सव का यह मंच रिश्तों की गर्माहट और सद्भाव की नई शुरुआत का प्रतीक बन गया। मनसे का यह दीपोत्सव पर्व इस बार केवल रोशनी का नहीं, बल्कि रिश्तों को जोड़ने वाली नई रोशनी का पर्व बना है, जहां राजनीति पीछे रह गई और परिवारिक अपनापन आगे बढ़कर जगमगाता हुआ दिखाई दिया।

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