पटना। साहित्य अकादेमी द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और बिहार सरकार के सहयोग से आयोजित किए जा रहे तीसरे अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव उन्मेष 2025 पटना के तीसरे दिन 25 सत्रों में देश विदेश के 146 लेखक शामिल हुए। आज का एक महत्त्वपूर्ण सत्र धर्म साहित्य पर था जिसकी अध्यक्षता बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने की। इस सत्र में प्रदीप ज्योति महंत, संध्या पुरेचा, टी.एस. कृष्णन, वीरसागर जैन एवं युगल जोशी ने अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए।
सौंदर्यपरक भारतीय संवदेनाएं और भारतीय फिल्में शीर्षक से आयोजित सत्र अमोल पालेकर की अध्यक्षता में संपन्न हुआ, जिसमें रत्नोत्तमा सेनगुप्ता, वाणी त्रिपाठी टिक्कू ने भी भागीदारी की। भारतीय रंगमंच में स्त्रियां विषयक की अध्यक्षता लिलेट दुबे ने की। आज आयोजित अन्य महत्त्वपूर्ण सत्र थे- विदेशी भाषाओं में भारतीय साहित्य का प्रचार-प्रसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रसार में साहित्य की भूमिका, भक्ति साहित्य की विशिष्टता एवं प्रासंगिकता, भारतीय नाटकों में प्रवासन एवं विस्थापन आदि। इसके अतिरिक्त कविता और कहानी-पाठ तथा बहुभाषी रचना-पाठ के अनेक सत्र आयोजित किए गए।
कल उन्मेष के समापन समारोेह में उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन समापन वक्तव्य देंगे। इस अवसर पर राज्यपाल, बिहार आरिफ़ मोहम्मद खान, पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह, साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक एवं संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव विवेक अग्रवाल की उपस्थिति रहेगी। यह कार्यक्रम ज्ञान भवन, सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र में होगा। कल सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति में ग्रेमी पुरस्कार से पुरस्कृत संगीतज्ञ रिकी केज की लाइव प्रस्तुति प्रमुख है।
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