जयपुर। राजधानी जयपुर में शनिवार तड़के से ही श्री कृष्ण मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। नंद के लाल का अभिषेक कर नई पोशाक धारण कराई जा रही है तो कहीं बधाई गान हो रहे है। जयपुर के आराध्य गोविंद देवजी मंदिर भक्तों का सबसे बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। जहां आज कृष्ण जन्माष्टमी पर दस लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसी को लेकर मंदिर प्रशासन और पुलिस की ओर से कई व्यवस्थाओं का इंतजाम किया गया है ताकि मंदिर में पहुंचने वाला हर भक्त अपने आराध्य के दर्शन कर सके।
शनिवार की भोर से ही गोविंद देवजी मंदिर में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा । सुबह 4:30 बजे की मंगला झांकी से ही गोविंद देवजी के दर्शन शुरू हो गए थे। भीड़ को देखते हुए पासधारक, बिना जूते-चप्पल पहने आमजन, जूता-चप्पल पहने आमजन और जगमोहन इन चार श्रेणियों के लिए अलग-अलग लाइनें बनाई गई हैं। जलेब चौक से लेकर मंदिर तक दर्शनार्थियों की कतार नजर आई। इस व्यवस्था को संभालने के लिए एक हजार से ज्यादा कार्यकर्ता और लगभग इतने ही पुलिसकर्मी तैनात है। वहीं दस मेटल डिटेक्टर, सीसीटीवी कैमरे और कंट्रोल रूम भी सुरक्षा का पहरा है। भीड़ और मौसम को ध्यान में रखते हुए जगह-जगह शेड और एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई है।
गोविंद देवजी के अलावा गोपीनाथ जी, राधा दामोदर जी, ब्रजनिधि, आनंद कृष्ण बिहारी और गोविंद देव जी के अधीन आने वाले श्री राधा माधवजी, नटवरजी, कुंज बिहारीजी, श्री गोपालजी नागा, तालाब वाले श्री गोपालजी, मुरली मनोहरजी और रोपाड़ा गोपालजी में भी जन्माष्टमी उत्सव हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। इसके अलावा श्री कृष्ण बलराम मंदिर में कर्नाटक से मंगवाए पुष्पों से भगवान का शृंगार किया गया है। साथ ही भगवान कृष्ण के स्वागत के लिए गुप्त वृंदावन धाम मंदिर में रंग-बिरंगी रोशनी कर नंदलाल के जन्मदिन पर अर्द्धरात्रि को महाआरती की जाएगी।
You may also like
घाटकोपर में 'ऑपरेशन सिंदूर' थीम पर 'दही हांडी', मधुर भंडारकर हुए शामिल
नोएडा : जन्माष्टमी पर इस्कॉन मंदिर में भव्य आयोजन, चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा, ट्रैफिक डायवर्जन लागू
सोनम करती थी गाली-गलौज और शौहर जुनैद की पिटाई, कर लिया सुसाइड, कार्रवाई क्यों नहीं?
पीएम मोदी के 'डबल दिवाली' वादे को प्रफुल्ल पटेल ने सराहा, बोले- जीएसटी को अब पूरे देश ने स्वीकारा
सोनीपत के कच्चे क्वार्टर में शुरू हुए एक करोड के विकास कार्य